बीते कई दिनों से समूचे उत्तर भारत में बारिश नदारद है। इस वर्ष की सर्दी के मौसम में अब तक उत्तर भारत के मैदानी भागों से लेकर मध्य भारत और पूर्वी राज्यों तक वर्षा देखने को नहीं मिली है। यही नहीं उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में भी विशेष बारिश या बर्फबारी नहीं दर्ज की गई है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना दिखाई दे रही है। लेकिन इस संभावना के बीच भी उत्तर भारत के अन्य भागों में मौसम शुष्क ही बना रहेगा।
एक पश्चिमी विक्षोभ इस समय उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू कश्मीर पर बना हुआ है। इसी सिस्टम के प्रभाव से कल एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है। चक्रवाती क्षेत्र से उत्तर प्रदेश के तराई वाले भागों तक एक ट्रफ भी बनने की संभावना है।
इन मौसमी सिस्टमों के चलते उत्तर प्रदेश के तराई वाले जिलों में बादल छाने और 25 एवं 26 दिसम्बर को एक-दो जगहों पर हल्की वर्षा दर्ज की जा सकती है। इससे पहले राज्य के कई हिस्सों में सुबह के समय एक बार फिर से घने कोहरे की शुरुआत हो गई है। शुक्रवार को लखनऊ और वाराणसी में घने कोहरे के चलते कुछ समय के लिए दृश्यता में व्यापक कमी देखने को मिली।
राज्य में अब हवाओं के रुख में बदलाव आने वाला है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में उत्तर-पश्चिमी हवा मंद पड़ेगी और पूर्वी हवाएँ ज़ोर पकड़ेंगी जिससे कोहरे के लिए स्थितियाँ अनुकूल बन जाएंगी। इन हवाओं के प्रभाव से अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में भी कोहरा बढ़ने की संभावना है। इस दौरान राजधानी में मध्यम से घना कोहरा छा सकता है।
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