बीते कई दिनों से पूर्वी और उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में कोहरे से राहत बनी हुई है। हालांकि उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों और बिहार के उत्तरी हिस्सों में कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम कोहरे का प्रभाव अभी भी जारी है। लेकिन एक बार फिर से पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों और बिहार के उत्तरी भागों में घना कोहरा छाने के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनती हुई दिखाई दे रही हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश से पूर्वोत्तर राज्यों तक एक ट्रफ विकसित हो गई है जिसके चलते देश के इन पूर्वी हिस्सों में पुरवाई चलेगी। पूर्वी हवाओं के साथ बंगाल की खाड़ी से नमी भी इन भागों में पहुंचेगी जिससे कोहरे के दायरे और इसकी तीव्रता में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। इससे पहले पूर्वी राज्यों तक उत्तर पश्चिमी शुष्क और ठंडी हवाओं का प्रभाव बना हुआ था। शुष्क मध्यम हवाओं के चलते इन भागों में बीते कुछ दिनों से कोहरे से राहत बनी हुई थी।
कोहरा यूँ यातायात के सभी माध्यमों को प्रभावित करता है लेकिन कोहरा बढ़ने से सबसे अधिक असर रेल परिवहन पर पड़ता है। रेलगाड़ियों के आवागमन में देरी से रेलयात्रियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोहरे का प्रभाव बढ़ते ही पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों से पश्चिमी या उत्तर-पश्चिमी भारत आने वाली या इन भागों से पूर्वी राज्यों को जाने वाली रेलगाड़ियों पर ब्रेक सी लग जाती है। दिसम्बर का पहला पखवाड़ा इन मार्गों पर यात्रा करने वाले रेलयात्रियों के लिए अच्छा नहीं रहा क्योंकि इस दौरान इन भागों में बेहद घने कोहरे ने गाड़ियों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी थी।
हालांकि इस बार कोहरे का दौर अपेक्षाकृत पिछले दौर जितना लंबा नहीं होगा। अनुमान है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तरी झारखंड में 23 दिसम्बर से कोहरा बढ़ना शुरू होगा और 26 दिसम्बर तक कई जगहों पर हल्के से मध्यम जबकि कहीं-कहीं बेहद घना कोहरा छाया रहेगा। इन राज्यों में 24 और 25 दिसम्बर को काफी अधिक कोहरा छाने के आसार हैं।
Image credit: Railinfo
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