दिल्ली और आसपास के शहरों में इस सीज़न का पहला घना कोहरा आज सुबह के समय देखने को मिला। बुधवार की सुबह अधिकांश स्थानों पर घने कोहरे के साथ शुरू हुई। इसके चलते राजधानी के कई इलाकों में दृश्यता में व्यापक कमी दर्ज की गई। पालम में सुबह 6 से 7 बजे के बीच दृश्यता घटकर 100 मीटर तक पहुँच गई। इसके अलावा आर के पुरम, साकेत, एम्स, धौला कुआँ, नोएडा और फ़रीदाबाद में भी अधिकांश स्थानों पर मध्यम से घने कोहरे के चलते दृश्यता के स्तर में ख़ासी गिरावट देखने को मिली जिससे तड़के सड़कों पर लोगों को यातायात में परेशानी का सामना करना पड़ा।
घने कोहरे का प्रभाव सबसे अधिक यातायात पर ही देखने को मिलता है। बुधवार को दिल्ली आने वाली अनेक उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा और कई जहाजों के उड़ान में देरी हुई। जैसा कि स्काइमेट ने अनुमान लगाया था राष्ट्रीय राजधानी के न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा उत्तर में पहुंचे पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-मध्य में बने डिप्रेशन के चलते मैदानी भागों के हवाओं का रुख बदला है और वातावरण में नमी बढ़ गई जिससे अचानक आज घना कोहरा देखने को मिला।
हवा की गति कम होने पर ही कोहरे के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनती हैं और इस समय हवा की रफ्तार घटकर 10 किलोमीटर प्रति घंटे से भी कम के स्तर पर आ गई है जबकि 2 दिनों के पहले यह 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी जिससे दिल्ली और आसपास के शहरों में वातावरण बिलकुल साफ बना हुआ था। यानि कोहरे के लिए आवश्यक कम तापमान, वातावरण में अधिक नमी और हवा की मंद गति जैसे सभी पहलुओं के अनुकूल होने पर ही कोहरा छाने की संभावना प्रबल होती है।
बुधवार की सुबह यह सभी पहलू अनुकूल हुए, परिणामस्वरूप दिल्ली और एनसीआर में घना कोहरा देखा गया। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली में अगले 2 दिनों के दौरान सुबह के समय इसी तरह से मध्यम से घना कोहरा छाने की संभावना है। उसके पश्चात उत्तर भारत में पहुंचा पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगा और बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम भी कमजोर हो जाएगा जिससे जिससे एक बार फिर से उत्तर से ठंडी और शुष्क हवाओं का प्रवाह बढ़ जाएगा और वातावरण साफ होगा।
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