सर्दियों के इस मौसम में अब तक, दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र घने कोहरे से बहुत दूर रहें हैं। यहां तक कि जब कोहरे ने कुछ अवसरों पर उपस्थिति दर्ज की, तो यह केवल मध्यम श्रेणी में ही था। हालांकि वीरवार सुबह, दिल्ली में सीजन का सबसे घना कोहरा देखा गया।
पालम में दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई, जिसके परिणामस्वरूप सड़कों पर बड़े पैमाने पर जाम देखा गया। कई ट्रेने भी अपने समय से काफी देर से चलती नज़र आयीं। नई जलपाईगुड़ी-नई दिल्ली एक्सप्रेस, पूर्वा एक्सप्रेस (हावड़ा-नई दिल्ली), काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस (वाराणसी-नई दिल्ली), गरीब रथ एक्सप्रेस (भागलपुर-आनंद विहार), पुरुषोत्तम एक्सप्रेस (पुरी-नई दिल्ली) सहित कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।
दिल्ली से प्रस्थान करने वाली सभी उड़ानों को घने कोहरे के कारण सुबह 7:30 बजे तक रोक दिया गया था। आमतौर पर, घने कोहरे के कारण उड़ानें रोकी नहीं जाती हैं और रनवे विजुअल रेंज दृश्यता की तुलना में काफी अधिक होती है।
हालाँकि, आज सुबह, रनवे विजुअल रेंज स्वयं दृश्यता के साथ-साथ 75 मीटर तक गिर गयी था। इतना ही नहीं, प्रदूषण का स्तर भी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है, जिसके परिणामस्वरूप दिल्लीवासी खराब गुणवत्ता वाली हवा का सामना कर रहे हैं।
कोहरा आज राष्ट्रीय राजधानी के लिए न केवल सीजन का पहला घना कोहरा था, बल्कि यह प्रकृति में भी व्यापक था। पश्चिमी विक्षोभ और इसकी प्रेरित प्रणाली की उपस्थिति के कारण हवा की दिशा में परिवर्तन देखा गया जो की अब दक्षिण-पूर्वी दिशा से चल रही हैं।
थोड़े समय के लिए, इन प्रणालियों के पारित होने के दौरान, हवाएं एक बार फिर से उत्तर-पश्चिमीदिशा से चलने लांगेंगी, जिससे कोहरे में कमी आएगी। इसके बाद, एक और पश्चिमी विक्षोभ कलजम्मू व कश्मीर के पास आ रहा है जो कि 6 जनवरी तक उत्तरी पहाड़ियों को प्रभावित करता रहेगा।
वास्तव में, इस पश्चिमी विक्षोब से प्रेरित प्रणाली दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में 5 और 6 जनवरी को बारिश दे सकती है। इसके बाद, घना कोहरा एक बार फिर दिखाई देगा। कोहरे का घनत्व 7 जनवरी के बाद उच्च स्तर पर रहेगा, जिससे फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ जाएगा।
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