इस वर्ष के मॉनसून ने अब तक बाढ़ का संकट बिहार और पूर्वोत्तर भारत को ही दिया है। देश के बाकी हिस्सों, जिसमें केरल, तटीय कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के चलते में बाढ़ की स्थिति बहुत कम ही देखने को मिली है। इस सप्ताह भी स्थितियाँ बदलने वाली नहीं हैं। बिहार और पूर्वोत्तर भारत में आगामी दिनों में लगातार भारी बारिश की संभावना है जिसके कारण स्थितियाँ गंभीर होने की आशंका है। कई नदियाँ फिर से उफान पर होंगी और बाढ़ का खतरा विशाल क्षेत्र पर देखने को मिलेगा।
कृषि क्षेत्र और कृषि कार्यों के लिए उत्साहजनक संकेत हैं। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस साल 21% अधिक बुआई हुई है। धान, दालें, मोटे अनाज और तिलहन समेत सभी प्रमुख खरीफ फसलें पिछले साल के मुक़ाबले इस साल ज़्यादा बोई गई हैं। कोरोना महामारी के चलते देश में शुरुआती समय में लॉकडाउन प्रतिबंध के बावजूद खेती में यह प्रगति उल्लेखनीय है और आने वाले दिनों में यही खेती अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में मददगार होगी। देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में इस साल बेहतर बारिश के चलते खरीफ उत्पादन को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं। बम्पर फसल की संभावना के बीच घरेलू मांग में गिरावट एक चिंता का कारण है। ऐसे में वस्त्र, डेयरी, गन्ना और सोयाबीन प्रसंस्करण जैसे कृषि आधारित उद्योग निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार से मदद की अपेक्षा में हैं।
बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की उम्मीद है। यह सिस्टम देश के मध्य और उत्तरी हिस्सों में अगस्त की शुरुआत में बारिश बढ़ा देगा। यही सिस्टम बिहार को कुछ राहत भी दिलाएगा क्योंकि इसके चलते मॉनसून की अक्षीय रेखा बिहार के दक्षिण में चली जाएगी जिससे बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी।
उत्तर भारत
मॉनसून की अक्षीय रेखा हिमालय के तराई क्षेत्रों में पहुँच गई है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती सिस्टम बन गया है। इन सिस्टमों के प्रभाव से समूचे गंगा के मैदानी इलाकों वर्षा की गतिविधियां बढ़ने वाली हैं। हमारा अनुमान है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में 28-30 जुलाई के बीच मूसलाधार वर्षा देखने को मिलेगी। हालांकि इस दौरान राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा और सप्ताह के आखिरी दो दिनों में बारिश होने की संभावना है। पहाड़ी क्षेत्रों में उत्तराखंड में भी भारी बारिश के साथ भूस्खलन और अचानक बाढ़ का ख़तरा रहेगा। हिमाचल में हल्की से मध्यम बारिश होगी जबकि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में हल्की बारिश के आसार हैं।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत
पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों 27 से 31 जुलाई के बीच कई जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है। 31 जुलाई के बाद बारिश कम हो जाएगी क्योंकि मॉनसून की अक्षीय रेखा दक्षिण की तरफ आ जाएगी। हालांकि जुलाई के आखिर में बिहार और पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो जाएगी। अधिकांश हिस्सों में मौसम बिगड़ने की स्थिति में कई हिस्सों पर वज्रपात हो सकता है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने वाला है जिसके चलते सप्ताह के आखिर में मॉनसून की अक्षीय रेखा का पूर्वी सिरा दक्षिण में आ जाएगी जिससे बारिश में कमी आ जाएगी।
मध्य भाग
मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में इस सप्ताह मुख्यतः मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। सप्ताह के मध्य से बारिश में अधिक वृद्धि होने की संभावना है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, गुजरात और कोंकण-गोवा में सप्ताह के आखिरी दो दिनों के दौरान मूसलाधार वर्षा के आसार हैं। मुंबई में भी 1 और 2 अगस्त को अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
दक्षिण प्रायद्वीप
दक्षिण भारत के राज्यों में मॉनसून अब तक संतुलित रहा है। इस सप्ताह के शुरुआती दिनों में मॉनसून ज़्यादातर राज्यों पर सुस्त रहेगा। हालांकि केरल में लंबे समय बाद इस सप्ताह अच्छी बारिश होने की संभावना है। 2 जुलाई से केरल में बारिश बढ़ेगी और 29 व 30 जुलाई को काफी अच्छी वर्षा हो सकती है। जबकि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगना और कर्नाटक के ज़्यादातर भागों में मॉनसून की हलचल कम ही रहेगी।
दिल्ली एनसीआर
राजधानी दिल्ली और एनसीआर के अन्य शहरों में इस सप्ताह व्यापक वर्षा की उम्मीद है। इन भागों में 28 जुलाई से गतिविधियां शुरू होंगी और 30 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है। बादल छाए रहने और रुक-रुक बारिश होने के चलते दिन के तापमान में फिर से कमी आएगी और गर्मी से राहत मिलेगी।
चेन्नई
सप्ताह के शुरुआती दिनों में विशेष बारिश नहीं होगी जिससे मौसम गरम और उमस भरा रहेगा। सप्ताह के मध्य से मॉनसून की सक्रियता बढ़ सकती है जिससे ज्यादातर हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश देखने को मिलेगी। यह बारिश ज़्यादातर शाम के समय ही देखने को मिलेगी।
Image credit: DNA India
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।