साल 2020 का जुलाई महीना मॉनसून वर्षा के लिहाज से निराशाजनक रहा। जुलाई में 10% कम बारिश हुई। बारिश में इस कमी के चलते जून में जो अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई थी वह अब पीछे हो गई। जुलाई के बाद अब उम्मीदें अगस्त से हैं। अगस्त में अगर अच्छी बारिश होती है तो पिछले महीने में हुई कम वर्षा की भरपाई हो सकेगी और खरीफ फसलों के अच्छे उत्पादन की उम्मीद की जा सकेगी।
मॉनसून के समय से पहले आगमन और अच्छी शुरुआत के चलते देश में खरीफ फसलों की बुवाई अच्छी हुई है। दलहन और तिलहन की बुवाई का रकबा पिछले साल की तुलना में 25% बढ़ा है। कपास और धान की भी पिछले वर्ष के मुक़ाबले काफी अधिक हुई है। अधिकांश फसलों की अधिक बुआई के चलते इस बार बम्पर पैदावार की उम्मीद की जा रही है, जो कमजोर होती अर्थव्यवस्था के लिए संबल का काम करेगी।
इस बीच ला नीना की मजबूत होती स्थिति के बीच शेष दो महीनों में मॉनसून में सुधार की संभावना है। हालांकि इस सुधार के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं क्योंकि जिन भागों में अब तक अच्छी वर्षा हुई है या जिन भागों में सूखे जैसे हालात हैं उनमें कई इलाके ऐसे हो सकते हैं जहां भारी बारिश बाढ़ का खतरा ला सकती है।
वर्ष 2019 में सितंबर महीने में मॉनसून बहुत उग्र रहा जिसके चलते प्याज की फसल कई क्षेत्रों में डूब गई थी, नतीजतन कीमतों में तेज़ उछाल देखने को मिला। हालांकि अगस्त और सितंबर में बेहतर मॉनसून वर्षा से कृषि क्षेत्र में सुधार की संभावना अधिक है, जो अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए बेहद ज़रूरी है। फिलहाल बिहार और असम में जारी बाढ़ की स्थिति सुधर रही है। 3 अगस्त से शुरू हो रहे सप्ताह में इन दोनों ही राज्यों में मॉनसून कमजोर रहेगा जिससे बाढ़ के हालात और नहीं बिगड़ेंगे। साथ ही बंगाल की खाड़ी में 4 अगस्त को एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है।
उत्तर भारत
मॉनसून ट्रफ के कभी उत्तर तो कभी दक्षिणवर्ती होने के चलते उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में सप्ताह के शुरुआती दिनों में मॉनसून कमजोर रहेगा और बारिश की गतिविधियां बहुत कम होंगी। शुरुआती समय में यह अधिकांश समय उत्तर प्रदेश के इर्द-गिर्द ही रहेगी। हालांकि सप्ताह के मध्य से उत्तर-पश्चिम भारत में भी मॉनसून में सुधर शुरू होगा और सप्ताह के आखिरी दो दिनों में यानि 8 और 9 अगस्त को कई जगहों पर भारी वर्षा हो सकती है।
पूर्वी राजस्थान में इस सप्ताह काफी अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है। बारिश में कमी की कुछ भरपाई संभव है। हालांकि पश्चिमी हिस्सों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। 7 और 8 अगस्त को इन भागों में कुछ बौछारें पड़ने की उम्मीद है। पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में गरज और बारिश का मौसम बना रहेगा। रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। जबकि जम्मू-कश्मीर में गतिविधियाँ बहुत कम होंगी और यह केवल तराई क्षेत्रों तक ही सीमित रहेंगी। दूसरी ओर लद्दाख में इस सप्ताह के दौरान भी काफी कम गतिविधियां संभव हैं।
पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत
साल 2020 के मॉनसून में बाढ़ का कहर अब तक कुछ ही राज्यों पर पड़ा है। बिहार और असम मुख्यतः बाढ़ से त्रस्त राज्यों में एक रहे हैं। इस सप्ताह इन दोनों राज्यों पर मॉनसून की सक्रियता कम रहेगी जिससे बाढ़ से कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि छिटपुट बारिश जारी रह सकती है। कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्र में भी रुक-रुक कर कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा होने की संभावना है। सप्ताह के मध्य से बारिश बढ़ सकती है।
मध्य भारत
बंगाल की खाड़ी पर 4 अगस्त को एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इसके डिप्रेशन बनने की भी संभावना है। यह सिस्टम ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र से आगे बढ़ते हुए 6 या 7 अगस्त को गुजरात पहुंच सकता है। इसके प्रभाव से मध्य भारत के राज्यों में भारी मॉनसून वर्षा की संभावना है। मुंबई सहित कोंकण-गोवा, दक्षिणी गुजरात, सौराष्ट्र में इस सप्ताह अच्छी बारिश की संभावना है। मुंबई समेत कोंकण में 6 अगस्त तक जबकि गुजरात में 7-8 अगस्त तक अच्छी बारिश की संभावना है। इस दौरान सूखाग्रस्त उत्तरी गुजरात में भी अच्छी मॉनसून बारिश के आसार हैं।
दक्षिण प्रायद्वीप
पश्चिमी तटों पर बनने वाली ट्रफ इस सप्ताह सक्रिय रहेगी। तटीय कर्नाटक और केरल में काफी व्यापक बारिश इस सप्ताह देखने को मिल सकती है। केरल में सप्ताह के अंत में मूसलाधार वर्षा के कारण बाढ़ जैसी स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं। तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश में सप्ताह के शुरुआती दिनों में भारी बारिश होगी और बाद में धीरे-धीरे बारिश होगी। कर्नाटक के आंतरिक भागों में भी 8 और 9 अगस्त को अच्छी बारिश हो सकती है। इस अवधि के दौरान बंगलुरु, मैसूर, मंड्या और हासन में भारी बारिश होने की संभावना है।
दिल्ली एनसीआर
दिल्ली में मॉनसून अब तक कमजोर रहा है और सामान्य से कम बारिश हुई है। इस सप्ताह की भी शुरुआती कमजोर मॉनसून के साथ होगी और 7 अगस्त तक मुख्यतः शुष्क मौसम की ही संभावना है। इस दौरान हल्की वर्षा कहीं-कहीं हो सकती है। 8 और 9 अगस्त को बारिश बढ़ेगी जब मॉनसून की अक्षीय रेखा दिल्ली के करीब पहुंचेगी।
चेन्नई
सप्ताह की शुरुआत गर्म और आर्द्र मौसम के साथ होगी। 5 तारीख से हल्की बारिश कहीं-कहीं पर होने की संभावना है। सप्ताह के आखिरी दो दिनों के दौरान यानि 8 और 9 अगस्त को मॉनसून सुधरेगा और भारी बारिश देखने को मिलेगी।
Image credit: DNA India
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