दिल्ली में बुधवार यानि 21 अगस्त को, यमुना का जल स्तर घटने लगा, हालाँकि तब भी नदी खतरे के निशान से ऊपर ही बह रही है। जलस्तर ज्यादा होने की वजह से मंगलवार की रात पुराने यमुना पुल पर रेल यातायात स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, जल स्तर कम होने से रेल यातायात परिचालन बुधवार को शाम 4:25 बजे फिर से शुरू हो गया, जिसमें गति सीमा 20 किमी प्रति घंटा तक सीमित थी।
यमुना नदी में बुधवार दोपहर 2 बजे तक जल स्तर 206.60 मीटर था, जो शाम 5 बजे तक मामूली घटकर 206.50 मीटर पर आ गया। बता दें कि, सोमवार को नदी का जलस्तर 205.33 मीटर तक बढ़ गया था।
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पानी का स्तर आगे घटने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हरियाणा ने अब तक अधिक मात्रा में हथनी कुंड बैराज से पानी नहीं छोड़ा है। मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक शाम 4 बजे तक केवल 10,000 क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया था।
बाढ़ के कहर के कारण, यमुना नदी के निचले इलाकों में रहने वाले तक़रीबन15,000 से अधिक लोग सरकारी निकायों द्वारा स्थापित अलग-अलग जगहों पर बने सुरक्षित टेंट में चले गए। किसी भी तरह की दुर्घटनावश डूबने से बचाने के लिए करीब 30 नौकाओं को तैनात किया गया था।
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यमुना नदी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के छह जिलों से होकर गुजरती है, जिनके निचले इलाके हमेशा बाढ़ के खतरे में रहते हैं। इससे पहले साल 1978 में 207.49 मीटर के साथ पानी अपने उच्चतम स्तर पर था। उस साल यमुना ने विनाशकारी बाढ़ का रूप ले लिया था।
Image Credit: The Wire
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