दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2016 में जहां अच्छा रहने की संभावना है और इसके आगमन से देश के अधिकांश इलाके अच्छी बारिश रिकॉर्ड कर रहे हैं वहीं देश के मध्य और पूर्वी भागों में कई राज्य अत्यधिक वर्षा के चलते जलभराव और नदियों में आई बाढ़ का संकट झेलने को मजबूर हैं।पश्चिम बंगाल,बिहार,झारखंड,उत्तर प्रदेशऔरमध्य प्रदेशके कई इलाकों में मॉनसून लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।
बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक बन रहे मौसमी सिस्टमों के चलते देश के पूर्वी राज्य और मध्य भारत के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। हाल की भीषण बारिश के चलते इन दोनों भागों में 5 राज्य ऐसे हैं जहां हालात सबसे बदतर हुए हैं। गंगा और इसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। नदियों के पास वाले शहरों और गाँव में पानी भर गया है। बाढ़ और बारिश की चपेट में आने से जहां लोगों को बड़े पैमाने पर सम्पत्तियों और फसलों का नुकसान उठाना पड़ा है वहीं लाखों लोगों घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं।
खबरों के अनुसार अब तक देश के मध्य और पूर्वी राज्यों में बाढ़ ने 46 लोगों की जानें ले ली हैं। यही नहीं पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पश्चिम बंगाल में दामोदर घाटी के कई बैराज से पानी के अत्यधिक बहाव के चलते बांकुरा, बर्धमान, दुर्गापुर और असनसोल जैसे ज़िले जल मग्न हो गए हैं। झारखंड में भी व्यापक बारिश के चलते हजारों कच्चे मकान पानी में बह गए या क्षतिग्रस्त हो गए हैं साथ ही यातायात व्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इन भागों में अगले 24 घंटों तक बाढ़ के हालात से राहत के आसार नहीं हैं। पूर्वी राज्यों में बारिश में धीरे-धीरे कमी आएगी जिससे राहत मिलेगी जबकि मध्य भारत में आने वाले दिनों में भारी मॉनसूनी बारिश की संभावना है जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।पश्चिम बंगाल के फरक्का बैराज के भी गेट खोल दिये गए हैं ताकि बिहार में बाढ़ की स्थिति से निपटने में आसानी हो। फरक्का बैराज में कुल 104 गेट हैं जिनमें से कुछ को खोलने बिहार में बाढ़ की विभीषिका का कहर कुछ कम हो सकता है। फरक्का बैराज का निर्माण गंगा के पानी को हुगली में भेजने के लिए वर्ष 1975 में किया गया था। राज्य के मालदा ज़िले में भीषण बारिश के चलते कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिससे लगभग 200 लोग बेघर हो गए हैं।
Image credit: Indianexpress
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