बंगाल की खाड़ी के उत्तर पूर्व में विकसित हुआ एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र 26 जुलाई को निम्न दबाव के रूप में तब्दील हो गया था। बाद में यह डिप्रेशन बना और अब डीप डिप्रेशन का रूप ले चुका है। बुधवार की सुबह यह सिस्टम बांग्लादेश के चटगाँव से 160 किलोमीटर दक्षिण व दक्षिण-पूर्व में स्थित था।
स्काइमेट के अनुमानों के मुताबिक यह गहरा डिप्रेशन लंबे समय से कभी इधर तो कभी इधर होता रहा है। यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर की दिशा में आगे बढ़ना शुरू करेगा और बांग्लादेश के तट को 30 जुलाई को इसके पार करने की संभावना है।
इस डिप्रेशन के प्रभाव से उत्तरी ओड़ीशा और गंगा के मैदानी वाले पश्चिम बंगाल में अधिकांश जगहों पर बारिश होगी। कुछ समय के बाद यह सिस्टम भी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश होते हुये गुजरात पहुंचेगा। इन भागों में आने कुछ दिनों के दौरान मॉनसून बहुत प्रभावी बना रह सकता है। इस समय बारिश की तीव्रता बहुत अधिक नहीं है। पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा में बीते 24 घंटों के दौरान हुई बारिश के आंकड़े इस प्रकार है:
पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा के लिए पूर्वानुमान
पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्रों और ओड़ीशा में 30 जुलाई को मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। दोनों राज्यों में एक-दो स्थानों पर भीषण वर्षा दर्ज की जा सकती है। यह सिस्टम जैसे ही जमीनी क्षेत्रों की तरफ बढ़ेगा इससे झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में भी बारिश की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
इस डीप डिप्रेशन का सबसे अधिक प्रभाव बांग्लादेश में देखने को मिल सकता है। यह बांग्लादेश के तटीय सीमावर्ती क्षेत्रों को 30 जुलाई को पार करेगा, जिससे देश के तटवर्ती जिलों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं के बीच बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं।
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