देश के पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 2-3 दिनों तक भीषण बारिश जारी रहने की संभावना है, जो कई भागों के लिए आफत से कम नहीं होगी। इस दौरान कुछ इलाकों में बहुत अधिक वर्षा देखने को मिल सकती है।
स्काइमेट के अनुसार देश के पूर्वी हिस्सों पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब भले ही कमजोर होकर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन गया लेकिन इसने मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तरवर्ती कर दिया है और यह पूर्वोत्तर राज्यों के मौसम को अभी 3 दिनों तक प्रभावित करता रहेगा।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय हिमालय के तराई वाले भागों से होते हुये पूर्वोत्तर भारत के राज्यों पर बनी हुई है। मॉनसून रेखा सक्रिय है जिसके चलते असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में अगले 48 घंटों के दौरान मॉनसून असामान्य रूप से बारिश देता रहेगा।
पिछले 24 से 48 घंटों में नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश हुई है। इन भागों में एक-दो जगहों पर भारी मॉनसूनी बौछारें भी देखने को मिली हैं।
स्काइमेट का मौसमी पूर्वानुमान है कि इन भागों में आने वाले दिनों में और अधिक मॉनसूनी बारिश दर्ज की जा सकती है। इसके चलते असम और मेघालय में नदियों के जल स्तर में बढ़ोत्तरी होने और बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न होने की आशंका है।
बीते 48 घंटों के दौरान प्रमुख क्षेत्रों में दर्ज की गई बारिश के आंकड़े :
असम और अरुणाचल प्रदेश में 30 अगस्त तक औसत से 3 प्रतिशत और नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम तथा त्रिपुरा क्षेत्र में 29 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। बारिश के वर्तमान दौर से बारिश में कमी के इस आंकड़े में सुधार देखने को मिल सकता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि सितंबर में देश के अनेक हिस्सों में मौसम में व्यापक रूप में विरोधाभास देखने को मिल सकता है। इस समय जहां पूर्वोत्तर राज्यों में भीषण बारिश हो रही है वहीं उत्तर भारत के राज्यों में मॉनसून शिथिल है और बारिश नहीं हो रही है।
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