मॉनसून सीज़न में सामान्य बारिश के आसपास चल रहे बिहार के कई इलाकों में भारी बारिश के लिए स्थितियाँ अनुकूल हैं। उत्तरी बिहार के कई इलाके अगले दो दिनों के दौरान भीषण बारिश के चलते बाढ़ की चपेट में होंगे। पश्चिमी तराई क्षेत्रों विशेषकर चंपारण, सितामढ़ी और मधुबनी में अगले दो-तीन दिन भारी पड़ने वाले हैं। फिलहाल बिहार में 9 अगस्त तक सामान्य से 5 प्रतिशत कम 564 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
मॉनसूनी बादलों का प्रभाव राज्य के कई इलाकों में बढ़ गया है। इस बीच पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा दर्ज की गई है। बुधवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों में राजधानी पटना में 16 मिलीमीटर वर्षा हुई। इसके अलावा पुर्णिया में 7, गया में 2 और भागलपुर में 1 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
राज्य के उत्तरी हिस्सों में जल्द ही भारी बारिश शुरू हो सकती है। तराई क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून की अक्षीय रेखा बिहार के तराई क्षेत्रों के करीब है। इसके अलावा कैस्पियन सागर से जम्मू कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ के रूप में पहुँचने वाली आर्द्र हवाएँ भी उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्रों में होंगी। दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से उत्तरी बिहार में भीषण वर्षा के आसार बने हैं।
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पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी और मधुबनी में भीषण बारिश का अनुमान है। मूसलाधार वर्षा और नदियों में उफान के चलते कई इलाकों में बाढ़ की प्रबल संभावना है। इन भागों में अगले 2-3 दिनों के दौरान गाँव, खेत-खलिहान जलमग्न हो सकते हैं। मॉनसून ट्रफ के उत्तरी भागों में होने के चलते नेपाल में भी भारी बारिश दर्ज की जाएगी, जो नदियों में उफान का बड़ा कारण हो सकती है।
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बिहार के उत्तर-पूर्वी हिस्सों विशेषकर सुपौल, किशनगंज, अररिया, पुर्णिया और भागलपुर में भी हालात कुछ ऐसे ही हो सकते हैं। इन भागों में 11 और 12 अगस्त को मूसलाधार वर्षा होने के आसार हैं। कोशी नदी पहले से ही उफान पर है। संभावित भारी मॉनसून वर्षा के कारण नदी रौद्र रूप ले सकती है जिससे आसपास के कई इलाके इसकी चपेट में आ सकते हैं। पटना, गया, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में भी इस दौरान मध्यम से भारी बारिश दर्ज की जा सकती है।
Image credit: The Indian Express
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