गुजरात में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश का प्रकोप देखने को मिल रहा है। खासकर, गुजरात के दक्षिणी जिलों में पिछले 3 दिनों से बारिश हो रही है।इससे पहले यानि जून के पहले सप्ताह तक राज्य में कमी थी। हालांकि, मॉनसून के आगमन के बाद बारिश की कमी के आंकड़ों में सुधार देखने को मिली है।
गुजरात में इस समय 18 प्रतिशत बारिश की कमी है जबकि सौराष्ट्र और कच्छ में यह आंकड़ा 34 प्रतिशत है। आमतौर पर 10 जून के आसपास मुंबई में मॉनसून प्रवेश कर जाता है और उसके 2-3 दिनों के बाद गुजरात के सूरत में भी मॉनसून का आगमन हो जाता है। हालांकि, इस साल स्थितियां ऐसी नहीं है।
इस बार, गुजरात में सामान्य मॉनसून आगमन तिथि से लगभग 2 सप्ताह की देरी के साथ 25 जून के आसपास मॉनसून प्रवेश किया ।
बता दें कि, सौराष्ट्र और कच्छ से अच्छी स्थितियां गुजरात में है वहीं उत्तरी गुजरात से बेहतर प्रदर्शन दक्षिणी गुजरात के भागों में देखी जा रही है।
पिछले 24 घंटों में, गुजरात के वलसाड में 278 मिमी तथा सूरत में 192 मिमी के साथ बाढ़ जैसी बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा, सूरत, वलसाड और नवसारी से लेकर भरूच के इलाकों में भी भारी बारिश देखी गई ।
अगर बीते 3 दिनों में हुई बारिश की बात करें तो, इस दौरान गुजरात के वलसाड में 444 मिमी बारिश हुई जबकि सूरत में 250 मिमी बारिश दर्ज की गई ।
दक्षिणी गुजरात और उससे सटे आसपास के अरब सागर के भागों में बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण राज्य में बारिश की गतिवधियां देखी जा रही है।
स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, गुजरात में अगले दो दिनों यानि 1 और 2 जुलाई तक भारी बारिश जारी रहेगी । संभावना है कि आज कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश भी हो सकती है। जिसके कारण, जल जमाव तथा हवाई, सड़क और रेल मार्ग में व्यवधान पैदा हो सकता है।
रिकॉर्ड्स के मुताबिक, साल 2018 में इस समय यानि जून के महीने में बाढ़ जैसे हालात देखे गए थे। इसके अलावा, 26 जून 2018 को गुजरात के वलसाड में 291 मिमी बारिश दर्ज की गई थी जिसके बाद खासकर दक्षिणी गुजरात के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात देखे गए थे।
Image Credit: DNA India
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