उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों और नेपाल में बीते दिनों से हो रही वर्षा के चलते कई नदियां उफान पर हैं और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। स्काईमेट ने अपने पूर्वानुमानों में पहले ही बाढ़ की आशंका जताई थी। स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तर प्रदेश के तराई जिलों में अगले दो-तीन दिनों तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
इसके अलावा नेपाल के पहाड़ी भागों में भी अच्छी वर्षा जारी रहेगी जिसके चलते अगले कुछ दिनों तक उत्तर प्रदेश के उत्तरी भागों में नदियों के माध्यम से बड़े पैमाने पर बारिश का पानी पहुंचेगा और कई नदियां उफान पर होंगी। नदी के आसपास के भागों में बाढ़ के हालत और खराब हो सकते हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान लखनऊ में 28 मिलीमीटर की अच्छी वर्षा हुई। बहराइच और गोरखपुर में 19 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
उत्तर भारत में हिमालय के तराई क्षेत्रों से होकर गुजर रही मॉनसून की अक्षीय रेखा के चलते इन भागों में भारी बारिश हो रही थी। इसके चलते राज्य के बहराइच, गोंडा, बस्ती, बरेली, रामपुर, सीतापुर और फैजाबाद में नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं, जिससे कई गांवों में बाढ़ की चुनौती बढ़ सकती है।
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फिलहाल मॉनसून की अक्षीय रेखा दक्षिणवर्ती हुई है। इसके अलावा झारखंड पर बना चक्रवाती सिस्टम छत्तीसगढ़ के पास पहुंच गया है। मॉनसून ट्रफ इस समय पंजाब में कपूरथला से हरियाणा और उत्तर प्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी में पहुंच रही है। मौसमी सिस्टमों की स्थिति बदलने के चलते लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, आगरा और इससे सटे तराई क्षेत्रों में बहराइच, सीतापुर तथा गोंडा में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में वाराणसी, इलाहाबाद और गोरखपुर में अगले 24 से 48 घंटे के दौरान हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। उसके बाद बारिश में कमी आने के आसार हैं। वर्तमान मौसमी परिदृश्य के चलते आशंका है कि पहले से ही बाढ़ जैसे हालात का सामना कर रहे तराई क्षेत्रों में आने वाले दिनों में स्थिति और चुनौतीपूर्ण बन सकती है। स्थानीय प्रशासन और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
Image credit: Down To Earth
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