2020-21 की सर्दी के इस सीजन में पहली बार व्यापक बारिश के लिए मौसम अनुकूल बना है, जब उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक कई जगहों पर हल्की से मध्यम कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होगी। साथ ही साथ पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश में कई जगहों पर ओलावृष्टि की भी आशंका है।
जम्मू कश्मीर के पास पहले से बना पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल रहा है। यह सिस्टम बहुत प्रभावी नहीं था लेकिन इसने पहाड़ों पर कुछ स्थानों पर हल्की बारिश दी। अब एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान पर पहुंचा है जो 3 जनवरी से जम्मू कश्मीर के करीब पहुंच जाएगा और अगले दो-तीन दिनों तक मौसम को प्रभावित करेगा।
राजस्थान के दक्षिण पश्चिमी भागों पर पहले से ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय है। साथ अरब सागर के उत्तर पूर्वी भागों से गुजरात होते हुए राजस्थान तक एक ट्रफ बनी है। इसके अलावा एक विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र छत्तीसगढ़ और इससे सटे भागों पर है। इन सिस्टमों के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की तरफ से आर्द्र हवाएँ उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में पहुंच रही हैं। इन सभी सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव के कारण ही उत्तर भारत में मौसम बदला है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में पिछले चौबीस घंटों में बूंदाबांदी या कहीं-कहीं हल्की वर्षा दर्ज की गई है।
देश के मैदानी राज्यों में शीतलहर का प्रकोप झेल रहे पंजाब, हरियाणा, से लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली तक अब बारिश बढ़ने वाली है। उम्मीद है कि 3 जनवरी से लेकर 5 जनवरी के बीच इन सभी राज्यों में घने बादल बने रहेंगे और कई जगहों पर रुक-रुक कर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ 1-2 जगहों पर तेज बारिश होगी।
भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि की आशंका
भरतपुर, अलवर, झुंझुनू, चूरू, हिसार, सिरसा, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सोनीपत, पानीपत, अंबाला, करनाल, पटियाला, लुधियाना, अमृतसर, तरनतारन, श्रीमुक्तसर साहिब, फाजिल्का, फरीदकोट, दिल्ली-एनसीआर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर समेत कई जगहों पर ओलावृष्टि की भी आशंका इस दौरान रहेगी।
मौसम में बदलाव के चलते इन सभी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान जरूर बढ़ा है और भीषण शीतलहर के प्रकोप से रात तथा सुबह के समय कुछ राहत आगामी 3 दिनों के दौरान मिलेगी। लेकिन दिन में बादल छाए रहने और बारिश होने के कारण धूप का प्रभाव नहीं पहुंचेगा जिससे अधिकतम तापमान कई शहरों में 16 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहेगा। इन भागों में कोल्ड दे कंडीशन बन सकती है। यानि अब दिन में शीतलहर का प्रकोप शुरू हो सकता है।
7 जनवरी तक इसी तरह की परिस्थितियां बनी रहेंगी उसके बाद फिर से उत्तर भारत के पहाड़ों से ठंडी हवाओं का प्रकोप सभी राज्यों को झेलना पड़ेगा। जनवरी के दूसरे सप्ताह से बर्फीली हवाओं के प्रभाव से न्यूनतम तापमान में एक बार फिर व्यापक रूप में गिरावट होगी जिससे भीषण शीतलहर का प्रकोप देखने को मिलेगा।
Image credit: The Indian Express
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