उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते एक बार फिर से राजनीतिक दल आमने सामने हैं। बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश राज्य में चुनावी बुखार चढ़ा हुआ है क्योंकि यह राज्य केंद्र की राजनीति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है और केंद्रीय राजनीति को प्रभावित करता है। राज्य 2017 के विधानसभा चुनावों के जरिए भारतीय राजनीतिक के इतिहास में फिर से एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। एक महीने तक चलने वाले इस संघर्ष में यह पता चलेगा कि कौन कुर्सी संभालेगा और कौन बाहर जाएगा।
राज्य में पहले चरण के चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 73 विधानसभा क्षेत्रों के लिए सुबह से ही व्यापक मतदान की खबर है। पहले चरण के मतदान के दौरान मौसम पूरी तरह से साफ और खुशनुमा बना रहेगा। इससे इस बात की पूरी उम्मीद है कि मतदान प्रतिशत काफी बेहतर हो सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में वर्ष 2012 में राज्य के लिए हुए मतदान में समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला और उसके युवा नेता अखिलेश यादव ने सत्ता संभाली। लेकिन इस बार मुकाबला संघर्षपूर्ण है क्योंकि समाजवादी पार्टी और काँग्रेस के गठबंधन के सामने भाजपा की आक्रामक चुनावी चाल है।
पहले चरण का चुनाव शुरू हो चुका है और अब तक प्राप्त खबरों के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 15% से अधिक मतदान हो चुका है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 73 विधानसभा क्षेत्रों में पहले चरण में वोट डाले जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है और दोनों एक दूसरे को सहयोग दे रहे हैं। कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी का यह गठबंधन दोनों पार्टियों के युवा नेताओं अखिलेश यादव और राहुल गांधी की पारस्परिक मित्रता के चलते रंग लाई।
जहां तक इस चुनाव में मौसम के रुख की बात है तो हम बताना चाहेंगे कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव को मौसम किसी भी तरह से बाधित नहीं करेगा। हालांकि वर्तमान मौसमी परिदृश्य के आकलन के बाद स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि उत्तर प्रदेश के दक्षिणी जिलों विशेष कर मध्य प्रदेश से सटे कुछ भागों में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। या कहीं-कहीं ओले भी पड़ने की संभावना है। हालांकि यह गतिविधियां चुनाव क्षेत्र में नहीं होंगी। एक और खास बात है कि दक्षिणी जिलों में भी मौसम में बदलाव देर शाम या रात में देखने को मिलेगा।
तो बेहतर मौसम को देखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि पहले चरण के चुनाव में मत प्रतिशत काफी बेहतर रहेगा। राज्य के मतदाताओं से हमारी अपील है कि अपने लोकतान्त्रिक अधिकारों का प्रयोग करें और राज्य की बेहतरी के लिए जो भी पार्टी या नेता अच्छा काम कर सके उसे विधानसभा पहुंचाएं।
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