मुंबई में मार्च-अप्रैल और मई में बहुत कम बारिश होती है। इस साल भी प्री-मॉनसून सीज़न के इन तीन महीनों में मुंबई के लोगों को बमुश्किल ही बारिश देखने को मिली है। लंबे समय से मुंबई में मौसम गर्म और उमसभरा बना हुआ है जिससे लोगों को निश्चित ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच मुंबई में बारिश का इंतज़ार ख़त्म होने वाला है क्योंकि अरब सागर में मौसम स्थितियाँ बदल रही हैं। अरब सागर के दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पश्चिम-मध्य पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जो जल्द ही कम दबाव का क्षेत्र बन जाएगा। अगले 48 घंटों में यह डिप्रेशन और डीप डिप्रेशन भी बन सकता है। प्रभावित होने के साथ-साथ यह सिस्टम तटों के पास से ही गुजरात की तरफ बढ़ता रहेगा।
मुंबई में 1 जून से भारी बारिश
मुंबई में 31 मई यानि कल शाम से मौसम करवट ले सकता है। बादल आ सकते हैं और हवाओं में नमी कुछ और बढ़ सकती है। हालांकि 1 जून को प्री-मॉनसून की पहली अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है। दक्षिण-तटीय महाराष्ट्र पर हवाएँ तेज़ हो जाएंगी और समुद्र में उथल-पुथल भी बढ़ जाएगी। मछुआरों सहित आम लोगों को भी सलाह है कि 5 जून तक समुद्र में न जाएं, क्योंकि तेज़ हवाओं के साथ समुद्र की ऊंची लहरें उठेंगी।
मुंबई और इसके उपनगरीय इलाकों में 2 और 4 जून के बीच बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। कुछ स्थानों पर बादलों की तेज़ गर्जना के साथ मूसलाधार वर्षा हो सकती है। हालांकि संभावित डिप्रेशन के कारण मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में लोगों में इस बात का भय हो सकता है कि यह तूफान न बन जाए। लेकिन आपको बता दें कि इसके तूफान बनने का ख़तरा फिलहाल नहीं है।
अगले कुछ दिनों की इस प्री-मॉनसून वर्षा से तापमान में भारी गिरावट आएगी और मौसम सुहावना हो जाएगा। हालांकि 4 जून के बाद बारिश कम हो जाएगी। लेकिन उसके बाद भी अगले कुछ दिनों तक बारिश या गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें जारी रह सकती हैं।
केरल में मॉनसून ने 30 मई को दे दी दस्तक
इस बीच जैसा अनुमान स्काइमेट ने लगाया था, केरल में मॉनसून ने दस्तक दे दी है। 30 मई को केरल में मॉनसून का आगमन हुआ, जो समय समय यानि 1 जून से 2 दिन पहले है। पश्चिम तटों पर मॉनसून के और आगे बढ़ने के लिए स्थितियाँ अनुकूल दिखाई दे रही है। इसलिए मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटों पर भी समय से या समय से पहले मॉनसून के आगमन की उम्मीद की जा सकती है।
Image Credit: The Economic Times
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