वैष्णो देवी के दर्शन के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों से भी श्रद्धालु पहुँचते रहते हैं। इस सीज़न में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए मौसम की चाल बहुत मायने रखती है क्योंकि भारी बर्फबारी की स्थिति में पहाड़ों पर बसे देवी के इस मंदिर तक पहुँचने के पहले ही कई बाधाएँ पैदा हो जाती हैं। कई बार भारी बर्फबारी और हिमस्खलन से रास्ते बंद हो जाते हैं, लोग लंबे समय तक जहां हैं वहीं फंस जाते हैं।
फिलहाल वर्तमान मौसम का ज़िक्र करें तो वैष्णो देवी धाम सहित कटरा और आसपास के हिस्सों में मौसम शुष्क बना हुआ है। इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के उत्तरी भागों से होकर गुज़र रहा है लेकिन यह वैष्णो देवी में बारिश या बर्फबारी नहीं देगा और ना ही रास्तों में किसी तरह की रुकावट बनेगा। इसके अलावा अन्य मौसमी स्थितियाँ भी अगले 3-4 दिनों तक किसी हलचल का संकेत नहीं कर रही हैं।
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वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से कश्मीर के ऊंचे स्थानों पर हल्की वर्षा या एक-दो स्थानों पर हल्की बर्फबारी देखने को मिल सकती है। लेकिन इससे कटरा या देवी के भवन के आसपास का मौसम प्रभावित नहीं होगा। कटरा में पिछले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान 19.9 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री अधिक है।
अगले 3-4 दिनों तक मौसम में किसी बदलाव की संभावना ना होने के बीच तापमान में भी विशेष उतार-चढ़ाव नहीं दिखेगा। इस दौरान साफ और शुष्क मौसम के बीच न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 18-19 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा। भवन पर पारा कुछ कम होगा इसलिए बारिश और बर्फबारी से बचने के उपाय भले ही ना करें लेकिन कड़ाके की ठंडक से बचने के उपाय करके ही आपको वैष्णो देवी की यात्रा पर निकलना चाहिए। वैष्णो देवी में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार नव वर्ष का आगमन होने वाला है और पुराना साल विदा हो रहा है। स्कूलों में छुट्टियाँ शुरू होने वाली हैं। आमतौर पर हर वर्ष इस समय देश के कोने-कोने से लोग वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाते हैं। जम्मू कश्मीर को जल्द कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित नहीं करने वाला है इसलिए अगले 4-5 दिनों तक वैष्णो देवी के तीर्थाटन के लिए समय अनुकूल रहेगा।
Image credit: India Today
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