उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों पर बीते कई दिनों से बारिश का मौसम बना हुआ है। विशेष बारिश की गतिविधियां जम्मू कश्मीर, गिलगित बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख और उत्तरी हिमाचल प्रदेश में देखने को मिल रही हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा प्रभावित जम्मू-कश्मीर हुआ है।
इस समय भी पश्चिमी विक्षोभ के रूप में सक्रिय मौसमी सिस्टम जम्मू कश्मीर के पूर्वी भागों और इससे सटे लद्दाख के ऊपर है। इस सिस्टम का प्रभाव कम से कम अगले 18 घंटों तक उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों पर बना रहेगा। इसके प्रभाव से श्रीनगर, गुलमर्ग, कुलगाम, पहलगाम, काजीगुंड, बनिहाल समेत जम्मू कश्मीर में कई जगहों पर हिमाचल प्रदेश में चंबा, केलॉन्ग, लाहौल स्पीति, कुल्लू, किन्नौर, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, शिमला में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
उत्तराखंड और लद्दाख में भी कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा और बर्फबारी के आसार हैं। उत्तराखंड में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, गढ़वाल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ समेत उत्तरी और उत्तर पूर्वी जिलों में कई स्थानों पर वर्षा और हिमपात की गतिविधियां हो सकती हैं।
24 घंटे के बाद कल से मौसमी हलचल धीरे-धीरे कम होने लगेगी और पर्वतीय राज्यों में उत्तराखंड से कश्मीर तक अधिकांश स्थानों पर मौसम साफ हो जाएगा। साफ मौसम कम से कम चार मार्च तक उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में बना रहेगा हालांकि इस दौरान भी छिटपुट वर्षा या हिमपात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। विशेष रूप से कश्मीर, लद्दाख और गिलगित बालटिस्तान तथा मुजफ्फराबाद में।
5 मार्च से एक नया और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ फिर से पहाड़ों पर दस्तक देगा और उस दौरान कई जगहों पर दोबारा अच्छी बर्फबारी और बरसात देखने को मिलेगी। इससे पहले 28 फरवरी से उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों से होकर ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों का रुख करेंगी जिसके चलते पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के कुछ इलाकों, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ भागों में दिन और रात के तापमान में हल्की गिरावट होगी।
Image credit: The Economic Times
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