वडोदरा में बुधवार यानि 31 जुलाई की सुबह से लगातार हो रही बारिश के कारण अधिकांश भागों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। राज्य के विश्वामित्री नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान को छूने के करीब पहुँच गया है। तेज बारिश ने पूरे शहर को एक ठहराव में ला दिया है और सैकड़ों कार्यालय जाने वाले लोग या तो फंसे हुए हैं या उनको जलमग्न सड़क के माध्यम से घर वापस जाना पड़ा है।
जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, अजवा बांध के जलाशय का जल स्तर 209.7 फीट है। जो 214 फीट खतरे के निशान को पार करने से सिर्फ 5 फीट कम है। इसके अलावा, विश्वामित्री नदी का पानी जो कि 26 फीट पर ओवरफ्लो हो जाता है, वो भी पहले से ही 23 फीट पर बह रहा था।
बारिश के कारण रेल मार्ग भी प्रभावित हुआ है। वडोदरा जंक्शन पर जल-भराव की समस्या के कारण 13 ट्रेनें रद्द कर दी गयी है तथा राष्ट्रीय आपदा बल को बचाव कार्य में लगाया गया है । स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, वड़ोदरा के जिला कलेक्टर द्वारा गुरुवार को सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
पिछले 24 घंटों के दौरान, गुजरात के अधिकांश हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की स्थिति व्यापक से सक्रीय बनी रही। जिसके कारण, राज्य के वडोदरा, वलसाड, सूरत, डांग, भरुच तथा दमन, दादर और नागर हवेली, जामनगर और द्वारका में मूसलाधार बारिश रिकॉर्ड की गई। इस दौरान, सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ इलाकों में भी बारिश की हल्की गतिविधियां देखी गई।
हालांकि, बारिश की तीव्रता में अब कमी के आसार हैं। अगले 24 घंटों के दौरान, ज्यादातर स्थानों पर हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों स्थानों पर बारिश में तीव्रता देखी जा सकती है।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 2 या 3 अगस्त तक मॉनसून की बारिश एक बार फिर से क्षेत्र में तेज हो जाएगी। इस दौरान, क्षेत्र में मध्यम वर्षा से इंकार नहीं किया जा सकता है। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की भी उम्मीद है । हालांकि, 31 जुलाई की तरह भारी बारिश की हम उम्मीद नहीं करते हैं।
Image Credit: Patrika
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