[Hindi] ओड़ीशा के लिए काल बन कर आ रहा भयंकर तूफान फ़ानी

May 1, 2019 4:42 PM | Skymet Weather Team

अत्यंत भीषण बन चुका तूफ़ान फ़ानी ओड़ीशा की ओर आ रहा है। 3 मई को इसके ओड़ीशा से लैंडफॉल करने की आशंका है। इससे पहले जब अप्रैल महीने में बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ था, उसके बाद लंबे समय तक अनुमान लगाया गया था कि तूफ़ान फ़ानी उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर यानि बांग्लादेश और म्यांमार की तरफ जाएगा।

भूमध्य रेखा के नीचे बनने वाले तूफ़ान प्रायः पहले वाले अनुमान के अनुरूप जाते हैं। लेकिन इस बार स्थितियाँ आश्चर्यजनक रूप से बादल गईं। अब संभावना है कि चक्रवाती तूफ़ान ओड़ीशा में लैंडफॉल करेगा। इसके प्रभाव से ओड़ीशा के सभी भागों में 2 और 3 मई को बारिश होगी। व्यापक असर तटीय भागों पर दिखेगा।

गजपति, गंजम, भुवनेश्वर, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज सहित ओड़ीशा के तटवर्ती शहरों में 2 और 3 मई को भीषण बारिश होने की आशंका है। तूफ़ान फ़ानी जैसे-जैसे ओड़ीशा के करीब आएगा, इन भागों में 160 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ्तार से हवाएँ चलेंगी। 3 मई को तूफ़ान ओड़ीशा के तटों को पार करेगा। इसके राज्य के गोपालपुर और पुरी के बीच से लैंडफॉल करने की संभावना है।

स्काइमेट का आंकलन है कि तटीय जिलों गजपति, गंजम, कंधमाल, खोरधा, पुरी, नयागढ़, कटक, जगतसिंहपुर, केन्द्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक, बालेश्वर, धेंकानाल, केंदुझार और मयूरभंज में अगले दो दिनों के दौरान काल की तरह आ रहा चक्रवाती तूफ़ान फ़ानी फसलों को पूरी तरह से तबाह कर देगा। ओड़ीशा में इस समय धान की फसल कटाई की अवस्था में पहुँच गई है। खेतों में खड़ी धान की फसल 100% नष्ट हो सकती है। इसके अलावा नारियल के पेड़ों सहित सहित अन्य फसलों को भी तूफ़ान व्यापक नुकसान पहुंचाएगा।

कालाहांडी, बोलाङीर, सुबर्नपुर, अंगुल और सम्बलपुर सहित राज्य के पश्चिमी जिलों पर भी फ़ानी का प्रभाव रहेगा। इन भागों में मध्यम से भारी बारिश 2 और 3 मई को होगी। हवा की रफ्तार 100 किलोमीटर से भी ऊपर जा सकती है। हालांकि तबाही का जो मंज़र तटीय भागों में दिखेगा वह पश्चिमी जिलों पर नहीं होगा क्योंकि चक्रवाती तूफ़ान फ़ानी ओड़ीशा के तटीय भागों में गोपालपुर और पुरी के पास से प्रवेश करने के बाद तटों से ही होते हुए पश्चिम बंगाल की तरफ़ चला जाएगा।

तूफ़ान के कारण भारी बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन सकती है। निचले हिस्सों में बाढ़ का ख़तरा है। इसके अलावा भीषण हवाओं की चपेट में आने से झोपड़ियां उड़ सकती हैं, कच्चे मकान गिर सकते हैं, बिजली के खंबे उखड़ सकते हैं और जगह-जगह पेड़ गिर सकते हैं। सड़कें भी भारी बारिश के कारण पानी में कहीं-कहीं बह सकती हैं।

Image Credit: India TV

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