बंगाल की खाड़ी में बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र अब डिप्रेशन बन गया है। बृहस्पतिवार की शाम तक यह और प्रभावी होते हुए डीप डिप्रेशन बन सकता है। उसके 24 घंटों बाद यानि शुक्रवार को इसके चक्रवाती तूफान बनने की संभावना है। इस सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाओं का दक्षिण भारत के राज्यों पर प्रवाह प्रभावित हुआ है जिसे पिछले कई दिनों से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और केरल के अधिकांश भागों में मौसम शुष्क बना हुआ है
यह सिस्टम क्रमशः उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है और अनुमान है कि 14दिसंबर को यह चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। हालांकि इसके भीषण चक्रवात बनने की आशंका कम है। क्योंकि जब तक यह चक्रवात बनेगा तब तक जमीनी भागों के पास पहुंच चुका होगा और इसे और नमी मिलनी बंद हो जाएगी। भीषण चक्रवात ना बनने के बावजूद चक्रवाती तूफान के रूप में यह सिस्टम चेन्नई और विशाखापत्तनम सहित तमिलनाडु के उत्तरी तटीय शहरों और आंध्र प्रदेश के दक्षिण तटीय इलाकों में 14, 15 और 16 दिसंबर को भीषण बारिश दे सकता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगर वर्तमान डिप्रेशन चक्रवाती तूफान बनता है तो इसे फेथाई (Phethai) कहा जाएगा। इसका नामकरण थाइलैंड ने किया है। इस समुद्री सिस्टम के प्रभाव से 14 दिसम्बर की शाम या रात से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटों पर तेज़ हवाएँ चलनी शुरू होंगी। धीरे-धीरे हवा और बादलों का प्रभाव बढ़ता हुआ दिखेगा। इसी दौरान चेन्नई, पुद्दुचेरी, विशाखापत्तनम सहित कुछ तटीय शहरों में बारिश भी शुरू हो सकती है।
हालांकि बारिश का सबसे ज़्यादा ज़ोर 15 और 16 को दिखेगा जब सिस्टम चक्रवाती तूफान बनकर लैंडफाल करेगा। तटों से टकराने के समय हवा की रफ्तार 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे जा सकती है। आशंका है कि कुछ भागों में हवाएं 120 किमी की गति से भी चलेंगी। तूफानी हवाओं और भीषण बारिश से उत्तरी तटीय तमिलनाडु और दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश के शहरों सामान्य जनजीवन व्यापक रूप में प्रभावित हो सकता है।
तटीय इलाकों में 16 दिसंबर से बारिश कम हो जाएगी लेकिन जैसे-जैसे यह सिस्टम पश्चिमी भागों में पहुंचेगा उससे तेलंगाना, उत्तरी कर्नाटक और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्र में 16 से 18 दिसंबर के बीच वर्षा देखने को मिल सकती है। आमतौर पर दिसंबर में बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान विकसित होने की संभावना कम हो जाती है। इसके बावजूद उत्तर-पूर्वी मॉनसून दक्षिण भारत के राज्यों में व्यापक बारिश देता है।
इस बार स्थितियां सामान्य के विपरीत हैं। उत्तर-पूर्वी मॉनसून कमजोर है और बारिश कम हो रही है। दूसरी ओर दिसंबर के मध्य में एक चक्रवात विकसित हो रहा है।
Image credit: IndiaToday
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