[Hindi] अल-नीनो अब भी मजबूत स्थिति में, मॉनसून 2019 को करता रहेगा कमज़ोर

July 10, 2019 2:22 PM|

Poor Monsoon rains in 2019- El ninoClouding in the country -bloomberg 1200

भूमध्य रेखा के पास समुद्र की सतह के तापमान का पिछले दिनों का रिकॉर्ड देखने पर लगा था कि अल नीनो कमजोर हो रहा है। इससे उम्मीद जगी थी कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 पर इसका असर अब कम होगा। लेकिन हाल के दिनों में अल नीनो में फिर से अचानक मजबूती देखने को मिली।

भारत के मॉनसून को मुख्यतःनीनो इंडेक्स 3.4में होने वाले बदलाव प्रभावित करते हैं। नीनो इंडेक्स 3.4 में लगातार तीन सप्ताह तक तापमान गिरा था। लेकिन पिछले सप्ताह इसमें आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई। हालांकि पिछले दिनों नीनो इंडेक्स 3.4 रीजन में गिरावट के बावजूद तापमान नियत सीमा से ऊपर ही बना हुआ था।

नीचे दिए गए टेबल में प्रशांत महासागर के अलग-अलग क्षेत्रों में तापमान का स्तर देख सकते हैं:

El Nino Index

यही नहीं नीनो 3.4 रीजन में क्रमानुगत तीन महीनों का समुद्र की सतह का तापमान, जिसे ओषनिक नीनो इंडेक्स (ओएनआई) कहते हैं, भी नियत सीमा से ऊपर बना रहा है। हालिया (अप्रैल-मई-जून) ओएनआई वैल्यू 0.7°C है।

ओषनिक नीनो इंडेक्स की औसत वैल्यू तीन महीन का औसत होता है।8 चरणों के ओषनिक नीनो इंडेक्स कीवैल्यू नीचे दिए टेबल में देख सकते हैं।

ONI Values

समुद्र की सतह के तापमान में लगातार गिरावट को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया की सरकारी मौसम एजेंसी ब्यूरो ऑफ मीटियोरॉलजि (बॉम) ने अल नीनो पर निगरानी वापस ले ली थी। बॉम का मानना था कि तापमान में गिरावट का क्रम इसी तरह जारी रहेगा। दुनिया की ज़्यादातर मौसम एजेंसियां जहां अल नीनो की नियत सीमा 0.5°C मानती हैं वहीं बॉम 0.8°C से ऊपर के तापमान को अल नीनो की नियत सीमा मानती है। यही कारण है कि अन्य एजेंसियों ने अल नीनो पर निगरानी को वापस नहीं लिया था।

Also read in English:EL NINO NOT YET OVER AND DONE, MONSOON 2019 STILL UNDER ITS SHADOW

मौसम से जुड़े मॉडल अभी भी जुलाई मेंअल नीनोके अस्तित्व में होने की संभाव्यता 70 से 75% दिखा रहे हैं। यही नहीं बाकी मॉनसून सीजन में भी एल-नीनो के प्रभावी रहने की संभाव्यता 50% से ऊपर ही बनी रहेगी।

मॉनसून 2019 पर अल नीनो का असर

मॉनसून की शुरुआत से ही इस पर अल नीनो का प्रभाव रहने की आशंका जताई गई थी। इसका प्रमाण हैं जून में हुई बारिश के आंकड़े। जून में भारत में जून में होने वाली बारिश में 33% की भारी कमी रही। जुलाई में पहले पखवाड़े में देश के मध्य और पूर्वी भागों में अच्छी बारिश हो रही है। लेकिन अब जल्द ही मॉनसून में ब्रेक लगने वाली है।

आमतौर पर मॉनसून में ब्रेक की स्थिति अगस्त में देखने को मिलती है जब मॉनसून समूचे भारत में पहुँच चुका होता है। लेकिन इस बार स्थितियाँ अलग हैं क्योंकि अल नीनो मॉनसून की चाल को प्रभावित कर रहा है।

El Nino Model forecast

अल नीनो वर्षों में एक और चिंतित करने वाली बात होती है कि मॉनसून में ब्रेक का दौर लंबा चलता है। हालांकि मॉनसून को प्रभावित करने वाले अन्य मौसमी पहलू जैसे मैडेन जूलियन ओशीलेशन एमजेओ और इंडियन ओषन डायपोल मॉनसून के अनुकूल हैं। लेकिन माना जाता है कि अल नीनो इन सब में सबसे अधिक प्रभावी होता है जिससे जब अल नीनो अस्तित्व में होता है तो बाकी मौसमी सिस्टम अपना असर नहीं दिखा पाते हैं।

Image credit:  Bloomberg

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