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[Hindi] अल-नीनो और मॉनसून 2019: अगस्त-सितंबर में कमजोर मॉनसून के सुधर सकते हैं हालात

July 18, 2019 7:48 PM |

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मॉनसून सीजन में सबसे अधिक बारिश वाले महीने जुलाई का आधा हिस्सा बीत चुका है लेकिन मॉनसून पर अल नीनो का ख़तरा अभी भी टला नहीं है। हालांकि इस समय अल नीनो कमजोर होता हुआ दिखाई दे रहा है लेकिन मौसम से जुड़े ज्यादातर मॉडल संकेत दे रहे हैं कि जुलाई के बाकी समय में अल नीनो के अस्तित्व की 50% से अधिक संभावना है। इसके अलावा अगस्त और सितंबर में भी अल नीनो के प्रभाव में होने की संभाव्यता 40% के आसपास रहेगी।

Model weather forecast

भूमध्य रेखा के पास समुद्र की सतह के तापमान, खासकर नीनो 3.4 क्षेत्र में पिछले सप्ताह बढ़ोत्तर के बाद अब गिरावट हुई है। लेकिन यह गिरावट बहुत मामूली है। प्रशांत महासागर में सप्ताह में दर्ज किया गया तापमान नीचे दिए गए टेबल में देख सकते हैं।

El Nino Index

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार नीनो 3.4 रीजन में तापमान नियत सीमा के आसपास बना रहेगा, जो कि 0.5 डिग्री सेल्सियस है। हालांकि इसमें 0.1 डिग्री का उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि समूचा प्रशांत महासागर पूरी तरह से स्थिर नहीं है। कुछ हिस्सों, खासकर नीनो 4 और नीनो 3 में तापमान निर्धारित सीमा से ऊपर बना हुआ है।

स्काइमेट के मौसम विज्ञान विभाग के प्रेसिडेंट, एवीएम, जीपी शर्मा के अनुसार मॉनसून 2019 के संदर्भ में अल नीनो के प्रभाव को अभी भी कम कर के नहीं आँका जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि तापमान के कम होने के बाद भी मॉनसून पर इसका साया पूरी तरह से हटा नहीं है।

हालांकि मॉनसून को प्रभावित करने वाले कुछ दूसरे पहलू भी हैं, जिनकी स्थिति सकारात्मक है। यह हैं इंडियन ओषन डायपोल (आईओडी) और माडन जूलियन ओशीलेशन (एमजेओ), जो मॉनसून के पक्ष में हवा बना रहे हैं। यह दोनों जब सकारात्मक होते हैं तब भारत में अच्छी मॉनसून वर्षा होती है और अल नीनो का प्रभाव कम हो जाता है। आइए जानते हैं एमजेओ और आईओडी की वर्तमान स्थिति के बारे में।

Also read in English: IN THIS EL NINO YEAR, MJO AND IOD ARE THE ONLY TWO SAVIORS FOR MONSOON 2019

एमजेओ: एमजेओ का मॉनसून सीज़न में हिन्द महासागर पर कम से कम एक बार और अधिकतम चार बार आना होता है। इस समय एमजेओ हिन्द महासागर पर दूसरे चरण में है। दूसरा और तीसरा चरण भारत के मुख्य भू-भाग पर अच्छी बारिश के लिए अनुकूल माना जाता है। एमजेओ अगले दो सप्ताह तक अनुकूल स्थिति में रहने वाला है।

MJO

आईओडी: इसे भारतीय नीनो भी कहा जाता है। समुद्र की सतह के तापमान में अनियमित अस्थिरता को आईओडी कहते हैं। इसकी गतिविधि होने पर हिंद महासागर का पश्चिम क्षेत्र गर्म हो जाता है जबकि पूर्वी क्षेत्र अपेक्षाकृत ठंडा होता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में मॉनसून को मजबूत करता है। जब यह सकारात्मक होता है तब पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्र की सतह का औसत तापमान अधिक होता है, बारिश भी अधिक होती है जबकि पूर्वी हिंद महासागर में पानी का तापमान कम होता है। नकारात्मक आईडी होने पर इसकी विपरीत स्थिति देखने को मिलती है।

हालांकि साप्ताहिक रुझानों को अगर देखें तो आईओडी सकारात्मक स्थिति में रहा है और मॉनसून सीजन के बाकी समय में भी यह सकारात्मक स्थिति में रहेगा। इससे मॉनसून सीजन के शेष महीनों में अच्छी बारिश की उम्मीद की जा सकती है।

IOD

यह भी स्पष्ट करना ज़रूरी है कि अकेले आईओडी इतना प्रभावी नहीं होता कि मॉनसून वर्षा के पैटर्न को प्रभावित करे, वह भी अल नीनो वर्ष में। लेकिन एमजेओ के साथ इसका असर बढ़ जाता है और अल नीनो के प्रभाव को यह दोनों कम कर देते हैं।

इस परिप्रेक्ष्य में मॉनसून में वर्तमान में जो ब्रेक की कंडीशन है उसमें जल्द ही बदलाव देखने को मिलेगा। कहा जा सकता है कि जहां जून में सामान्य से 33% कम बारिश हुई थी वहाँ अब जुलाई में स्थितियां बेहतर होंगी।

Image credit: Newsfolo

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