देश के अधिकांश हिस्सों में भीषण लू के चलते सामान्य जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। एक तरफ जहां पूर्वोत्तर राज्यों में लगातार प्री-मॉनसूनी बारिश जारी है वहीं पूर्वी भारत और प्रायद्वीपीय भारत के हिस्सों में अधिकांश इलाके भीषण लू की चपेट में हैं।
हालांकि लू से उत्तर भारत के राज्यों और मध्य भारत के कुछ भागों में बीते कुछ दिनों से लू से राहत मिली है। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में तापमान में आई कमी से लोगों को कुछ सुकून ज़रूर मिला है।
लेकिन पूर्वी भारत के राज्यों में लंबे समय से तबाही मचाने वाली गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। इन भागों में विशेषकर ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में तापमान हर दिन एक नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है। बिहार और झारखंड में भी अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है जिससे इन राज्यों में भी अधिकांश स्थानों पर भीषण गर्मी महसूस की जा रही है।
ओड़ीशा में मौसम का हाल कुछ इस तरह का बना हुआ है जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सूर्य देव राज्य लोगों से रुष्ट हैं और अपने तेज़ से राज्य के कई भागों को जला देंगे। तितलागढ़ 48 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ उबल रहा है। अंगुल, बालासोर, भवानिपटना और चांदबाली में भी अधिकतम तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है और यह 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है।
आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में कुछ समय से तापमान सामान्य के आसपास बना हुआ था लेकिन इन भागों में फिर से लू का शिकंजा कस रहा है। इन राज्यों में तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई है। वेल्लोर, नेल्लोर, सलेम और तिरुपति में दिन का तापमान 40 डिग्री के स्तर को पार कर रहा है।
तेलंगाना में सामान्य से अधिक तापमान के चलते लोग बेहद गर्म मौसम का अनुभव कर रहे हैं। केरल में भी तापमान में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार देश के अधिकांश हिस्सों में मौसम का मिजाज़ अगले कुछ दिनों तक इसी तरह बना रहेगा और गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। बल्कि उत्तर भारत के कई भागों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में क्रमशः बढ़ोत्तरी दर्ज की जाएगी जिससे इन भागों में भी गर्मी में पुनः वृद्धि होगी।
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