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[Hindi] पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 12-13 अप्रैल को आँधी-बारिश जबकि बाकी शहरों में होंगे लू जैसे हालात

April 11, 2019 12:59 PM |

 

Heatwave in Uttar Pradeshभारत के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में प्री-मॉनसून सीज़न प्रभावी हो गया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश के अधिकांश भागों में 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहता है। कुछ भागों में पारा इससे भी ऊपर 43-44 डिग्री तक रिकॉर्ड किया जाता है। चिलचिलाती धूप और प्रचंड गर्मी के बीच आंधी-तूफान और कभी-कभार हल्की बारिश देखने को मिलती है। इस दौरान राज्य में लू का प्रकोप भी बना रहता है।

हाल ही रविवार को उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में शाम को अचानक मौसम का मिज़ाज़ बदला और कई जगहों पर धूलभरी आँधी और बादलों की गर्जना के साथ बारिश दर्ज की गई। कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे। इन प्री-मॉनसून गतिविधियों से राज्य में फसलों का नुकसान उठाना पड़ा था। लेकिन उसके बाद से यहां मौसम अभी तक साफ़ और शुष्क बना हुआ है।

राज्य के प्रमुख शहरों की बात करें तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और प्रयागराज, राजधानी लखनऊ, औद्योगिक शहर कानपुर के अलावा राज्य के पश्चिमी हिस्से के शहरों मेरठ, गाज़ियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में तापमान 35 से 40 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है।

स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 12 और 13 अप्रैल के बीच पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के आगरा, मेरठ, नोएडा, गाज़ियाबाद, मथुरा और मुरादाबाद आदि शहरों में कुछ प्री-मॉनसून गतिविधियां दिखने के आसार हैं। इस दौरान इन स्थानों पर धूलभरी आंधी और गरज के साथ बारिश की हल्की बौछारें गिर सकती हैं। वहीं राज्य की राजधानी लखनऊ और आसपास के इलाकों के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश में साफ़ आसमान के साथ मौसम शुष्क बने रहने के आसार हैं। इसके अलावा इस पूरे प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान राज्य में लू का प्रकोप देखने को मिल सकता है।

उत्तर प्रदेश में मॉनसून की शुरुआत :

अब उत्तर प्रदेश में लोगों को मॉनसून का इंतज़ार है। मॉनसून अपने साथ उमस लाता है लेकिन लू के प्रकोप से राहत भी मॉनसून के कारण ही मिलती है। देश के दक्षिणी हिस्से में मॉनसून की शुरुआत मई के आखिरी हफ्ते या जून के शुरूआती दिनों में होती है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 1 जून को केरल में दस्तक देता है। उसके बाद उत्तर प्रदेश की सीमाओं में प्रवेश करने में इसे 10 से 15 दिन लगते हैं। मॉनसून सबसे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से पहुँचता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में समान्यतः 10 जून को मॉनसून का आगमन हो जाता है। जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसके आगमन में 10 दिन और लगते हैं। आमतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 20 जून के आसपास मॉनसून का आगाज़ होता है।

मॉनसून के आने के बाद एक तरफ लोगों को गर्मी से राहत मिलती है तो दूसरी ओर खेती-किसानी की हलचल बढ़ जाती है। खासकर धान की नर्सरी की तैयारियों ज़ोरों पर हो जाती हैं। इस बार स्काइमेट ने कमजोर मॉनसून का अनुमान लगाया है। उत्तर प्रदेश को भी जून में मॉनसून कुछ निराश कर सकता है। हालांकि राज्य में मॉनसून देर से आएगा या पहले देगा दस्तक इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगा।

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Image Credit: Zee News

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