लंबे समय से शुष्क और गर्म मौसम से संघर्ष कर रहे उत्तर प्रदेश में अगले दो-तीन दिनों के दौरान अच्छी मौसमी हलचल देखने को मिल सकती है। पूर्वी और मध्य भागों में कई जगहों पर धूलभरी आँधी, गर्जना और वर्षा होने की संभावना है। मौसम में इस बदलाव से तेज़ गर्मी और उमस से जहां बहुप्रतीक्षित राहत मिलेगी वहीं कुछ स्थानों पर जान-माल के नुकसान की भी आशंका है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस समय उत्तर प्रदेश के दक्षिण-मध्य भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा एक चक्रवाती सिस्टम बिहार के ऊपर भी दिखाई दे रहा है। साथ ही इन दोनों सिस्टमों को जोड़ती पंजाब से पश्चिम बंगाल तक एक ट्रफ रेखा भी सक्रिय है। इस मौसमी परिदृश्य के बीच बंगाल की खाड़ी से व्यापक रूप में आर्द्र हवाएँ उत्तर प्रदेश पर पहुँच रही हैं, जो राज्य में मौसम में बदलाव का कारण बनेंगी।
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वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ महेश पलावत के अनुसार अगले दो-तीन दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में धूलभरी आँधी चलने और बादलों की गर्जना होने जैसी मौसमी गतिविधियां देखने को मिलेंगी। इसके साथ-साथ बारिश होने और बिजली गिरने के भी आसार हैं। मौसम में इस बदलाव से तेज़ गर्मी से जहां लोगों को कुछ राहत मिलेगी वहीं कुछ स्थानों पर पेड़ गिरने, बिजली के खंबे उखड़ने और जर्जर भवनों या झोपड़ों के क्षतिग्रस्त होने की भी आशंका है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है। वाराणसी, इलाहाबाद, मिर्ज़ापुर, बांदा, चित्रकूट, झाँसी, कानपुर, लखनऊ और आसपास के भागों में अगले 2-3 दिनों के दौरान मौसम की मार से बचने के लिए विशेष सतर्कता बरतने की ज़रूरत है ताकि किसी अप्रिय स्थिति का सामना ना करना पड़े। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य जिलों में कुछ स्थानों पर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक-दो स्थानों पर मौसम बिगड़ेगा और धूलभरी आँधी, गर्जना और बिजली कड़कने के साथ बारिश होने के आसार बने रहेंगे। उत्तर प्रदेश में अभी राज्य में मॉनसून के प्रवेश करने में समय है। इससे पहले अगले कुछ दिनों तक रुक-रुक कर प्री-मॉनसून गतिविधियां जारी रह सकती हैं। मॉनसूनी हवाएँ जैसे ही पूर्वी भारत में अपना स्थान जमा लेंगी, उत्तर प्रदेश में धूलभरी आँधी जैसी घटनाओं में कमी आनी शुरू होगी।
Image credit: NewsGram
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