भारत जिस तरह विभिन्न संस्कृतियों का पोषक है उसी तरह इस अनूठे देश की भौगोलिक बनावट विविधतापूर्ण है और मौसम भी अलग-अलग जगहों पर अपने अलग रूप दिखाता है। बीते कुछ दिनों से पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश हो रही है। दक्षिणी और मध्यम भागों में भीषण गर्मी पड़ रही और उत्तर के राज्यों को लू से राहत मिल गई है।
मार्च से लेकर मई तक की तीन महीनों की अवधि प्री-मॉनसून अवधि होती है और इस समय उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में धूलभरी आँधी चलना सामान्य मौसमी हलचल है। दोपहर के बाद या शाम के समय अधिक तापमान के चलते अचानक बनने वाले बादलों से गर्जना जैसी गतिविधियां भी प्रायः देखने को मिलती हैं। रेगिस्तानी इलाका अधिक होने के चलते धूलभरी आँधी राजस्थान को विशेषतौर पर प्रभावित करती है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राजस्थान के कई इलाकों में बीते कुछ दिनों की तरह ही आज दोपहर बाद या शाम को भी धूलभरी आँधी चलने की संभावना है।
इस समय दक्षिणी पाकिस्तान और उससे सटे राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के प्रभाव से राजस्थान में दक्षिण-पश्चिमी आर्द्र हवाएँ भी चल रही हैं। इस मौसमी परिदृश्य के बीच राजस्थान के पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भागों में दोपहर से शाम के समय तक तेज़ आँधी चलने की संभावना बनी हुई है। तेज़ हवाओं और गर्जना के साथ कहीं-कहीं वर्षा भी हो सकती है।
राजस्थान में बीच-बीच में हो रही इन मौसमी हलचलों के चलते तापमान सामान्य के आसपास बना हुआ है। तापमान नियंत्रण में रहने से राज्य के लगभग सभी भागों में लू से राहत बनी हुई है। हालांकि आज संभावित गतिविधियों के चलते तापमान में और कमी की अपेक्षा फिलहाल नहीं है, क्योंकि ऐसी गतिविधियां आमतौर पर दोपहर बाद होती हैं और तब तक पारा अपने चरम पर पहुँच चुका होता है।
राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों विशेषकर श्रीगंगानगर, जैसलमर और बाड़मेर में 30 अप्रैल तक ऐसी गतिविधियां संभावित हैं जबकि 30 अप्रैल से 1 मई तक राज्य के उत्तरी भागों में धूलभरी आँधी चलने के आसार हैं। बादलों की गर्जना के साथ कहीं-कहीं हल्की बौछारें या बूँदाबाँदी हो सकती है। राजधानी जयपुर भी इस मौसम से प्रभावित होगा। गुलाबी शहर के नाम से लोकप्रिय राजस्थान में दोपहर के समय धूलभरी आँधी और वर्षा के आसार हैं।
Image credit: Live Mint
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