[Hindi] अमृतसर, अंबाला, जयपुर, चंडीगढ़ सहित उत्तर-पश्चिम भारत में प्री-मॉनसून हलचल में विराम

May 9, 2018 7:24 PM | Skymet Weather Team

उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में पिछले कुछ दिनों से प्री-मॉनसून हलचल हो रही थी। इस दौरान कुछ इलाकों में धूलभरी आँधी और बादलों की गर्जना हुई जबकि कुछ स्थानों पर वर्षा रिकॉर्ड की गई। हालांकि 5 से 9 मई के बीच जिस तरह का भय बना हुआ था वैसी मौसमी हलचल देखने को नहीं मिली। हालांकि इस दौरान स्काइमेट ने सामान्य प्री-मॉनसून वर्षा का अनुमान जताया था और सधी हुई भविष्यवाणी जारी की थी।

अपनी खबरों में हमनें यह भी स्पष्ट किया था कि मई में आमतौर पर प्री-मॉनसून गतिविधियां बढ़ जाती हैं। जिसमें कुछ स्थानों पर तेज़ धूलभरी आँधी, बादलों की गर्जना, बिजली गिरने की घटनाएं और गरज के साथ वर्षा जैसी हलचल उत्तर भारत के मैदानी राज्यों को प्रभावित करती है। उत्तर भारत में आने वाले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से यह गतिविधियां कभी-कभी और बढ़ जाती हैं। वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ एवीएम जीपी शर्मा के अनुसार ऐसी भीषण मौसमी हलचलें मई से शुरू होकर मध्य जून तक यानी मॉनसून के आगमन से पहले तक उत्तर पश्चिम भारत में जारी रहती हैं। कभी-कभी जुलाई के पहले सप्ताह तक ऐसी हलचल देखने को मिलती हैं।

श्री शर्मा के मुताबिक इस दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में औसतन 4 से 5 बार भीषण आंधी, भारी वर्षा और कहीं-कहीं ओलावृष्टि की गतिविधियां देखने को मिलती हैं। इन गतिविधियों की तीव्रता कभी-कभी 2 मई को राजस्थान तथा इससे सटे उत्तर प्रदेश में आए भीषण तूफान जैसी भी होती हैं जिसमें लोगों की जान पर बन आती है। कभी-कभी हवा की गति 100 से 400 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाती है जिससे यह जानलेवा बन जाती है

[yuzo_related]

स्काईमेट के अनुसार जब एक बार अच्छी प्री-मॉनसून गतिविधियां हो जाती हैं उसके तुरंत बाद यानी कुछ दिन के भीतर भारी वर्षा या भीषण आंधी-तूफान की आशंका कम होती है, क्योंकि तापमान गिर चुका होता है और हवा का रुख भी बदल जाता है। यही वजह रही कि 2 मई की घटना के बाद 5 से 8 मई के बीच कोई बड़ी हलचल देखने को नहीं मिली और इन्हीं तथ्यों के मद्देनजर स्काईमेट ने भीषण आंधी-तूफान जैसी चेतावनी जारी नहीं की, जैसा कि आईएमडी सहित बड़ी-बड़ी मौसम एजेंसियों ने आशंका जताई थी।

अब उत्तर पश्चिम भारत में बारिश दे रहे सिस्टम कमजोर हो गए हैं और आगे निकल रहे हैं, जिसके चलते 10 मई से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली तथा आसपास के भागों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। हालांकि इस दौरान भी एक-दो जगह धूलभरी आंधी चलने, बादलों की गर्जना होने और कहीं कहीं पर बूंदाबादी या हल्की वर्षा होने की संभावना से इंकार भी नहीं कर सकते। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।

वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार 13 मई को उत्तर भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ पहुंचेगा जिसके प्रभाव से 13 मई से फिर से मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। संभावना है कि 13 से 16 मई के बीच इन भागों में कुछ स्थानों पर गरज और आंधी के साथ वर्षा का एक नया दौर देखने को मिल सकता है। उससे पहले अगले कुछ दिनों तक तापमान में वृद्धि होगी और लोगों को सभी स्थानों पर तेज गर्मी का सामना करना पड़ेगा।

Image credit: Scoopwhoop

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

 

 

OTHER LATEST STORIES