उत्तर प्रदेश में इस समय मौसम का मिला-जुला रूप देखने को मिल रहा है। अधिकांश हिस्सों में जहां मौसम शुष्क और बेहद गर्म है वहीं तराई क्षेत्रों में मौसम में हलचल है। इस समय बिहार पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। साथ ही एक ट्रफ रेखा इस सिस्टम से पूर्वी उत्तर प्रदेश के उत्तरी भागों तक सक्रिय है। इन सिस्टमों के प्रभाव से पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश हुई है। हालांकि पश्चिमी भागों में मौसम गर्म और शुष्क बना रहा।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार गोरखपुर और हरदोई सहित आसपास के तराई वाले जिलों में कहीं-कहीं धूल भरी आंधी और बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा रिकॉर्ड की गई। वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों में आंधी और गर्जना जैसी मौसमी हलचलें देखने को मिल सकती हैं। बरेली, पीलीभीत, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ में कुछ स्थानों पर प्री-मॉनसून वर्षा हो सकती है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इन मौसमी सिस्टमों का असर नहीं दिखेगा। साथ ही उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाएं प्रभावी रहेंगी जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले दो-तीन दिनों तक मौसम गर्म और शुष्क बना रहेगा तथा तापमान में वृद्धि दर्ज की जाएगी। उत्तर प्रदेश के उत्तरी भागों में 16 जून को एक ट्रफ रेखा सक्रिय हो सकती है। इसके प्रभाव से राज्य के पश्चिमी भागों में भी 16 जून को धूल भरी आंधी और गर्जना के साथ हल्की वर्षा होने का अनुमान है। उसके बाद मौसम फिर से शुष्क और गर्म हो जाएगा।
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उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में आमतौर पर 15 जून तक मॉनसून का आगमन हो जाता है। लेकिन इस समय मॉनसून की सुस्त प्रगति और आने वाले दिनों में इसके कमजोर रहने की संभावनाओं को देखते हुए अंदाजा है कि 18 जून तक भी पूर्वी उत्तर प्रदेश में मॉनसून नहीं पहुंचेगा। इसलिए कह सकते हैं कि इस बार राज्य में मॉनसून के आगमन में देरी हो सकती है।
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