बीते दिनों से दिल्ली में जारी लू जैसी मौसमी स्थितियों के चलते लोग इस प्रतीक्षा में हैं कि कब इंद्रदेव प्रसन्न होंगे और राजधानी पर बादल जमकर बरसेंगे। हालांकि मार्च से मई की प्री-मॉनसून अवधि में सभी जगहों पर जमकर बारिश की उम्मीद पूरी हो यह आवश्यक भी नहीं। प्री-मॉनसून अवधि में वर्षा मॉनसून जैसी नहीं होती है। इस बीच बीते कुछ दिनों की भीषण गर्मी के बाद बीती रात दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में छिटपुट जगहों पर हल्की बौछारें दर्ज की गईं।
प्री-मॉनसून वर्षा के इस झोंके के चलते राष्ट्रीय राजधानी में तापमान में गिरावट दर्ज की गई जिससे मध्य रात के बाद से सुबह का मौसम खुशनुमा हो गया था। स्काइमेट ने पहले ही दोपहर या शाम के समय गरज और धूलभरी आंधी के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई थी। स्काइमेट के अनुसार जम्मू कश्मीर को पार कर रहे पश्चिमी विक्षोभ और इसके प्रभाव से मध्य पाकिस्तान तथा इससे सटे पंजाब और राजस्थान पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते राजधानी दिल्ली में मौसम ने कल देर शाम को अचानक रुख बदला।
अगले 24 घंटों तक मौसमी हलचल की संभावना
उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर पर बना पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल गया है। हालांकि एक नया पश्चिमी विक्षोभ 11 मई की शाम को फिर से उत्तर भारत में दस्तक दे सकता है। इसके अलावा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब पर बना हुआ है। साथ ही दिल्ली के पास से एक ट्रफ रेखा दिल्ली के करीब से होते हुए पूर्वी भारत तक बनी हुई है।
इन मौसमी सिस्टमों के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के भागों में अगले 24 घंटों के दौरान बादलों की गर्जना और धूलभरी आँधी के साथ वर्षा हो सकती है। दिल्ली, फ़रीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा और गाज़ियाबाद में आज शाम को कभी मौसम कभी भी करवट ले सकता है और गरज के साथ बौछारें गिर सकती हैं। इन भागों में 11 मई को भी गरज और आँधी के साथ बारिश होने की संभावना है। इन मौसमी गतिविधियों के चलते दिल्ली में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान तापमान नियंत्रण में रहेगा और तेज़ गर्मी से कुछ राहत बनी रह सकती है।
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