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[Hindi] दशहरा 2017: विजयदशमी पर देश के प्रमुख भागों का मौसम पूर्वानुमान

September 29, 2017 4:26 PM |

Dussehra-amritsarनवरात्रि का उत्सव समूचे भारत में धूम-धाम से मनाया जा रहा है और आज महानवमी के बाद कल दशहरा की तैयारी भी है। विजयदशमी असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक रूप में कल पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगा। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी और धर्म की स्थापना की थी। इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में लगने वाले मेलों में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग भी मेले में पहुँचते हैं और रावण को जलाकर मेला सम्पन्न होता है।

इससे पहले नवरात्रि और दुर्गा पूजा की धूम होती है। साथ ही देश के विभिन्न भागों में रामलीला का मंचन होता है। रामलीला का समापन भी दशानन के दहन के साथ सम्पन्न होता है। महानवमी के साथ ही आज दुर्गा पूजा और रामलीला का समापन हो जाएगा और शुरू होंगी कल के दशहरे के मेले की तैयारियां। यूं तो देश भर में दशहरा का मेला पूरे उल्लास के साथ आयोजित होता है और मनाया जाता है। लेकिन कुछ स्थानों पर होने वाले मेलों की पहचान देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में है। इसमें कुल्लू और मैसूर का दशहरा काफी प्रसिद्ध है। कुल्लू दशहरा का फाइल चित्र:

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दशहरा यानि विजयदशमी का पर्व भारत के उत्तर में कुल्लू से दक्षिण में मैसूर तक और पूर्व में गुवाहाटी से गांधीनगर तक मनाया जाता है। हिमाचल प्रदेश में कुल्लू घाटी के धालपुर मैदान में आयोजित होने वाले दशहरा मेले की ख्याति दुनियाभर में है और यहाँ विश्व भर से लगभग 4-5 लाख लोग पहुँचते हैं। इसी तरह कर्नाटक में मैसूर का दशहरा भी प्रसिद्ध है। अलग-अलग क्षेत्रों में दशहरा मनाने की परंपरा भले ही भिन्न है लेकिन उद्देश्य एक है अधर्म पर धर्म की विजय। मैसूर दशहरा का फाइल चित्र:

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दशहरा के अवसर पर देखते हैं कैसा रहने वाला है मौसम:

उत्तर-पश्चिम भारत: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तर भारत से वापस लौट रहा है। पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों से मॉनसून की विदाई आज शुरू हुई। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ या अन्य कोई मौसमी सिस्टम सक्रिय नहीं है जिसके चलते जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मौसम साफ और शुष्क रहेगा। इन भागों में तेज़ धूप के चलते अधिकतम तापमान सामान्य से कुछ ऊपर रहेगा जिससे दोपहर के समय गर्मी परेशान करेगी। हालांकि सुबह और शाम के समय खुशनुमा मौसम दशहरा मेले का आनंद बढ़ा देंगे।

मध्य भारत: मध्य भारत के भागों से अब तक मॉनसून वापस नहीं हुआ है। हालांकि बीते दिनों गुजरात पर बने एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते पहले से ही कई इलाकों में शुष्क मौसम है। विजयदशमी के दिन गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तरी कोंकण तथा उत्तरी मध्य महाराष्ट्र में मौसम शुष्क बना रहेगा। हालांकि दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ के कुछ भागों और कोंकण व गोवा के दक्षिणी हिस्सों में कल बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिल सकती है।

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पूर्वी भारत: पूर्वी भारत के राज्यों में भी कई स्थानों पर दशहरे के मेले में बारिश खलल डाल सकती है। इस समय बिहार और इससे सटे भागों तथा बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों पर चक्रवाती सिस्टम बने हुए हैं। इसके चलते बिहार, झारखंड, ओड़ीशा, कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बादल बने रहेंगे। आर्द्र हवाएँ चलेंगी और कुछ स्थानों पर हल्की तो कहीं-कहीं मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।

दक्षिण भारत: देश के दक्षिणी राज्यों में मॉनसून अब केन्द्रित है और अनुमान है कि तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना में मॉनसूनी बादल छाए रहेंगे। रायलसीमा, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, हैदराबाद सहित तेलंगाना, रायलसीमा तथा उत्तरी तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बौछारें गिरने का अनुमान है। कहीं-कहीं भारी वर्षा भी संभव है। दक्षिण भारत के भागों में अब उत्तर-पश्चिम मॉनसून के आगमन का भी इंतज़ार होगा।

पूर्वानुमानों के अनुसार देश के मध्य, उत्तर-पश्चिम और उत्तर भारत में जहां लोग विजयदशमी पर्व पर मेले का आनंद शुष्क और साफ मौसम के बीच लेंगे वहीं दक्षिण और पूर्वी भारत में बारिश का कहीं रोमांच होगा तो कहीं तेज़ वर्षा के चलते मेले के रंग में भंग पड़ने की भी आशंका है।

Image credit: Bed and Chai Blog

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