दक्षिण पश्चिम मानसून 2019 इस बार जल्द ही वापसी कर चुका है केवल 8 दिनो के अंदर और ये मूनसून बहुत तेजी से विदा हो गया हैं। यह एक पश्चिमी विक्षोभ हैं जो मौसम प्रणाली को सर्दियां के दौरान उत्तर भारत में मौसम की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होता है।
मौसम प्रणाली की तीव्रता हल्के से मध्यम तक के सभी रूपों में हो सकती है और ये पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत की कई कई जगहो पर बर्फबारी हो सकती है।
दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी 9 अक्टूबर को शुरू हुई और वापसी के बाद उत्तरी पाकिस्तान और आसपास के सटे में क्षेत्रों में कल पहला सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ देखा गया और साथ में एक चक्रवाती हवाओ का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और आसपास के सटे क्षेत्रों में विकसित था।
अब यह पश्चिमी विक्षोभ और जम्मू-कश्मीर और आसपास के सटे क्षेत्रों में बढ़ गया है जबकि चक्रवात मध्य पाकिस्तान और पश्चिम राजस्थान पर देखा जा सकता है। ये दोनों सिस्टम जो पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओ का क्षेत्र बने हुए है, जो दोनों आगे की और बढ़ रहे है जिसमें पश्चिमी विक्षोभ ऊपरी हिस्से में जाता है और चक्रवाती हवाओ का क्षेत्र निचले हिस्से में चला गया है।
नए पश्चिमी विक्षोभ बनने के कारण,बारिश की गतिविधियां बढ़ गई है। इस प्रणाली के कारण जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश के तराई वाले इलाकों के साथ मैदानों इलाको में भी बारिश हो रही है। वैसे बारिश की गतिविधियां मुख्य रूप से जम्मू व कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में देखी गई। इसके अलावा, उत्तराखंड में भी कुछ-कुछ जगहो पर बारिश देखी गई ।
पिछले 24 घंटों के दौरान , श्रीनगर में 13 मिमी, बनिहाल में 17 मिमी काजीगुंड में 15 मिमी और जम्मू में 19 मिमी बारिश दर्ज की गई। जबकि धर्मशाला में 4 मिमी, मनाली में 11 मिमी और अमृतसर में 11 मिमी बारिश देखी गई।
आज दिल्ली और एनसीआर के उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश की गतिविधियों बढ़ने की उम्मीद है। इस प्रकार, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और एनसीआर के उत्तर राजस्थान के हिस्सों में हल्की बारिश की गतिविधियां देखी जा सकती हैं, जबकि उत्तर भारत की पहाड़ियों में हल्की बारिश होने की आशंका है।
कल तक, बारिश की गतिविधियां कम हो जाएगी और केवल पहाड़ी इलाको तक ही सीमित रहेगी और 20 अक्टूबर को तराही और मैदानों इलाको से भी बारिश की गतिविधियां कम हो जाएगी।
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हालांकि, ये बारिश बढ़ते तापमान को सुनिश्चित करने के लिए होगी। इसके साथ, जम्मू व कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी की गतिविधियों देखने को मिल सकती है।
Image Credit: Greaterkashmir
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