राजस्थान में पिछले 5 वर्षों से मॉनसून सीज़न में बारिश बढ़ती जा रही है। इस साल राजस्थान के पूर्वी भागों में जितनी बारिश होती है उससे 53% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई जबकि पश्चिमी राजस्थान में औसत से 19% अधिक बारिश हुई। यह बहुत बड़ा बदलाव है। इसे लेकर राजस्थान में लोगों के मन में सवाल होंगे कि क्या इससे सर्दियों में कुछ असर पड़ेगा?
अच्छी मॉनसून वर्षा से क्या बदलेगा सर्दी का मौसम
राजस्थान में मॉनसून ख़त्म होने के बाद अक्तूबर के मध्य से तापमान गिरने लगता है और सर्दी बढ़ने लगती है। हालांकि दिन में दिन के तापमान में गिरावट दिसंबर से आती है और फरवरी तक दिन का तापमान काफी सुहावने मौसम का कारण बनता है। राजधानी जयपुर की बात करें तो यहाँ अक्तूबर में दिन का औसत तापमान 33.6 डिग्री व रात का औसत तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस है। जनवरी में यही क्रमशः 22.4 और 08.4 डिग्री तक पहुँच जाता है।
इस समय जयपुर सहित पूर्वी राजस्थान में तापमान में कमी आई है लेकिन पश्चिमी और दक्षिणी राजस्थान में तापमान अभी भी गर्मी के मौसम का ही एहसास करा रहा है। जयपुर में जहां अधिकतम तापमान 34-35 डिग्री के आसपास चल रहा है वहीं जोधपुर, जैसलमर और बाड़मेर जैसे पश्चिमी जिलों में 37-38 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है।
अगले तीन दिनों के दौरान कैसा रहेगा देश भर में मौसम:
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट आएगी क्योंकि सूर्य दक्षिणायन होगा। धूप कम समय के लिए होगी जिससे पूरब से लेकर पश्चिम तक पारा कुछ कम होगा। इस साल राजस्थान में मॉनसून सीज़न में हुई बारिश का असर भी तापमान पर दिखेगा। अनुमान है कि बीते वर्षों के मुक़ाबले राजस्थान के शहरों में इस साल अधिक सर्दी पड़ सकती है।
2019 में राजस्थान के शहरों में हुई बारिश के आंकड़े
पूर्वी राजस्थान में इस साल 1 जून से 30 सितंबर के बीच 602.9 मिमी की जगह 919.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसमें भरतपुर, करौली और अलवर को छोड़कर पूर्वी राजस्थान के सभी जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। उपर्युक्त जिलों में क्रमशः 11%, 15% और 32% की कमी बारिश रही थी। जबकि सामान्य से अधिक वर्षा वाले जिलों में शीर्ष पर रहे झालावाड़ (104% अधिक), प्रतापगढ़ (92% अधिक), बूंदी (86% अधिक), अजमेर, भीलवाडा (82% अधिक) और सीकर (75% अधिक)।
पश्चिमी राजस्थान में तीन जिलों में कम बारिश हुई जबकि बाकी जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। कम वर्षा वाले जिलों में हैं हनुमानगढ़ (43% कम), गंगानगर (27% कम) और बीकानेर (13% कम)। जबकि अधिक बारिश वाले जिलों की संख्या अधिक है। पाली में 54% अधिक, नागौर में 52% अधिक, जोधपुर में 45% ज़्यादा बारिश इस बार हुई है।
राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून सीज़न में हुई इस अच्छी बारिश के चलते मिट्टी में नमी भरपूर है। इससे ना सिर्फ खरीफ फसलों को फायदा पहुंचा है। बल्कि आने वाले रबी सीज़न में भी खेती को कुछ लाभ हो सकता है। हालांकि राजस्थान में मिट्टी रेतीली है इसलिए ऊपरी सतह पर नमी अधिक समय तक टिकती नहीं है जिससे बहुत अधिक लाभ की उम्मीद भी नहीं है।
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