[Hindi] चक्रवात ‘तितली’ से ओड़ीशा में भीषण बारिश; खरीफ फसलें हो सकती हैं चौपट

October 11, 2018 7:00 PM | Skymet Weather Team

बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान तितली ओड़ीशा की तरफ़ बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से पहले से ही तटीय शहरों में भारी बारिश शुरू हो चुकी है। 10 और 11 अक्तूबर के बीच यह ओड़ीशा में प्रवेश करेगा और इस दौरान ओड़ीशा के अधिकांश हिस्सों में मूसलाधार वर्षा देखने को मिलेगी।

दक्षिणी ओड़ीशा से 12 अक्तूबर से बारिश में कमी आ जाएगी लेकिन उत्तरी ओड़ीशा में मूसलाधार वर्षा उसके बाद भी बनी रहेगी। संभावित भारी बारिश को देखते हुए आशंका है कि ओड़ीशा में खरीफ़ फसलों को भारी नुकसान होगा। तबाही खड़ी फसलों और काटी जा चुकी फसलों दोनों को है। ओड़ीशा में खरीफ़ सीज़न में धान प्रमुख फसल है। धान की फसल को तूफान तितली से बड़े पैमाने पर नुकसान होगा।

धान के अलावा मूँगफली, अदरक, हल्दी जैसी अन्य फसलों की भी खेती ओड़ीशा में बड़े पैमाने पर होती है और इन्हें बड़ी क्षति होने की आशंका है। देश भर में फसलों की निगरानी करने वाली स्कामेट की टीम के अनुसार ओड़ीशा में ज़्यादातर फसलों की कटाई या तो हो चुकी है या काटने को तैयार हैं। तूफान तितली के कारण तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश से फसलें नष्ट हो सकती हैं।

तूफान के कारण फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान इसलिए भी होगा क्योंकि कटाई के लिए तैयार फसलों की कटाई में देरी होगी और खेतों में लगा बाढ़ का पानी अनाज की गुणवत्ता भी खराब कर सकता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार कपास की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है। कपास की फसल में रेशे बन रहे हैं ऐसे में भारी बारिश से इसमें पानी भर सकता है जिससे इसकी गुणवत्ता काफी खराब हो जाएगी। कपास की तुड़ाई का काम नवंबर में शुरू होता है।

मक्के की कटाई का काम इस समय जारी है और ऐसे में अगर भारी बारिश होती है तो फसल तो ख़राब होगी ही अनाज की गुणवत्ता भी बहुत कम हो जाएगी जिससे किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ेगा। भारी बारिश से कटाई की प्रक्रिया में भी देरी होगी। हालांकि राज्य में तूफान के कारण नुकसान का आंकलन करना अभी मुश्किल है।

Image credit: IndiaTV

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