पहला सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 9 अक्टूबर को पश्चिमी हिमालय के पास पहुंचा। इसका असर पंजाब के उत्तरी हिस्सों तक देखा गया। 9 अक्टूबर को पश्चिमी हिमालय पर छिटपुट हल्की से मध्यम बारिश और छिटपुट बर्फबारी हुई। 13 से 17 अक्टूबर के बीच लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों पर पहुंचे।
अब पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता और आवृत्ति काफी कम हो गई है। इन्हें अफगानिस्तान और पाकिस्तान के उत्तरी भागों पर एक ट्रफ या चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जा सकता है। इन पश्चिमी विक्षोभों की कमजोर प्रकृति का अक्टूबर तक बारिश या हिमपात के मामले में पहाड़ियों पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए, पहाड़ी स्थलों की यात्रा के लिए यह आदर्श समय है।
दिन के समय मौसम ठंडा, आरामदायक और धूप वाला तथा रात के समय ठंडा रहेगा। भूस्खलन और भूस्खलन की संभावना से इनकार किया गया है। हालांकि, जो लोग बर्फबारी देखना चाहते हैं उन्हें नवंबर के पहले पखवाड़े तक इंतजार करना होगा। पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता आमतौर पर नवंबर के दूसरे सप्ताह तक बढ़ जाती है और दिसंबर और जनवरी के दौरान चरम तीव्रता के साथ फरवरी या मार्च तक जारी रहती है।