उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में यह सप्ताह शुष्क मौसम के साथ विदा होगा। वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहे हैं कि दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में 11 जुलाई तक विशेष बारिश के आसार नहीं हैं। हालांकि इस दौरान आंशिक बादल छाए रहने और छिटपुट वर्षा होने की संभावना से इंकार भी नहीं कर सकते।
हरियाणा के अधिकांश इलाकों और दिल्ली में मॉनसून ने तो दस्तक दे दी है लेकिन मॉनसून के आगमन के बाद से ही बारिश की गतिविधियां घट गई हैं। इन भागों में यह हालात अगले 4-5 दिनों तक बने रह सकते हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में मौसम में फिर से बदलाव आने की संभावना 11 जुलाई की शाम से दिखाई दे रही है।
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इससे पहले हुई बारिश के आंकड़ें देखें तो पंजाब में अब तक इस सीज़न में सामान्य से 75% अधिक वर्षा हुई है। इसी तरह हरियाणा में सामान्य से 120% और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 43% अधिक बारिश अब तक हुई है। हालांकि बारिश का वितरण एक समान नहीं हुआ और अंतराल पर ना होने के चलते इन भागों में खेती के लिए अब शुष्क मौसम परेशानी का शबब बन गया है। किसान मॉनसून से बेहतर प्रदर्शन की प्रतीक्षा में हैं जबकि पंजाब में मॉनसून के आगमन में विलंब हो रहा है। अनुमान के अनुसार राज्य में 12 जुलाई के बाद ही मॉनसून दस्तक दे सकता है।
उत्तरी-पश्चिम भारत में किसी विशेष मौसमी सिस्टम के ना होने और पश्चिम से पूर्वी भारत तक बनी ट्रफ के तराई क्षेत्रों में चले जाने के कारण मैदानी राज्यों में बारिश में कमी आई है। हालांकि आने वाले समय में पंजाब के तराई क्षेत्रों और यमुनानगर, अंबाला सहित उत्तरी हरियाणा में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की गतिविधियां जारी रह सकती हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार ट्रफ रेखा 11 जुलाई तक फिर से दक्षिण में दिल्ली के करीब आएगी और पूर्वी उत्तर प्रदेश पर बना चक्रवाती सिस्टम राज्य के मध्य भागों तक पहुंचेगा जिससे फिर से मैदानी राज्यों में 11-12 जुलाई से आर्द्रता बढ़ेगी और बारिश का एक नया दौर देखने को मिलेगा। तब तक गर्मी और उमसभरे मौसम के लिए आप रहिए तैयार।
Image credit: IndiaTV
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