देश के उत्तरी मैदानी इलाकों में मार्च और मई के बीच प्री-मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश हुई। कुल मिलाकर तापमान भी सामान्य से कम रहा और लू की स्थिति तुलनात्मक रूप से कम रही। वास्तव में, पूरे प्री-मानसून सीज़न में इन राज्यों में केवल 5 से 6 हीटवेव दिन देखे गए थे।
पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता और आवृत्ति अब कम होगी। बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी जल्द ही समाप्त हो जाएगा। साफ आसमान के साथ शुष्क मौसम की स्थिति से तापमान में वृद्धि होगी। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में ज्यादातर जगहों पर तापमान सामान्य से काफी नीचे है। अगले 2 से 3 दिनों में तापमान सामान्य के करीब रहेगा और धीरे-धीरे यह सामान्य से ऊपर भी हो सकता है। उत्तर और उत्तर पश्चिम से शुष्क हवाएँ अगले सप्ताह तक जारी रहेंगी।
केरल में मानसून की शुरुआत में देरी होगी। मानसून की आगे की प्रगति मौसम के कई अन्य मापदंडों पर निर्भर करती है। मानसून आमतौर पर उत्तर भारत में जून के अंत तक पहुंच जाता है। तब तक अधिकतम तापमान 30 या 40 के दशक से नीचे रहेगा और 15 जून के बाद बेचैनी का स्तर भी बढ़ेगा, जब हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर बदलने लगेगी।