राजधानी दिल्ली में अब तक प्री-मॉनसून सीजन में सामान्य से 35% कम बारिश हुई है। 1 मार्च से शुरू हुआ प्री-मॉनसून सीजन 31 मई तक जारी रहता है। और 25 मई तक बारिश के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में जहां अब तक 40 मिलीमीटर वर्षा होनी थी, वहाँ 26.5 बारिश हुई है।
बारिश में कमी के बाद भी रुक-रुक कर हो रही इस प्री-मॉनसून वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के शहरों नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और अन्य इलाकों में लंबी गर्मी से राहत मिलती रही है।
बात पिछले 24 घंटों के दौरान की करें तो शुक्रवार की शाम को दिल्ली के उत्तरी हिस्सों और गाजियाबाद के कुछ भागों में धूल भरी आंधी और बादलों की गर्जना के साथ बारिश दर्ज की गई थी। जबकि बाकी भागों में बादल आते जाते रहे लेकिन मौसम शुष्क रहा। बादल छाए रहने और हवाएं चलने तथा कुछ इलाकों में बारिश होने के कारण शुक्रवार को तापमान 34 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत में इस साल बीते सालों के मुकाबले अधिक बार और अधिक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ पहुंचे हैं, जिसके कारण उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर में भी तापमान लगातार ऊपर नहीं गया है। लेकिन अब पश्चिम विक्षोभ आगे निकल गया है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र की कमजोर हुआ है।
अब दिल्ली-एनसीआर में मौसम शुष्क रहेगा। उत्तर पश्चिमी दिशा से गर्म और शुष्क हवाएं चलेंगी। हवाओं में धूल के कण काफी अधिक हो सकते हैं क्योंकि हवाएं राजस्थान की तरफ से होकर आएंगी। जिसके चलते राजधानी दिल्ली और एनसीआर के ऊपर हवा में धूल का गुबार छाया दिख सकता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरेगा और प्रदूषण बढ़ेगा।
इस दौरान दिन का तापमान बढ़ेगा। जाहिर है गर्मी फिर से आएगी। हमारा अनुमान है कि मई के आखिर तक राजधानी दिल्ली में अधिकतम तापमान 43 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा जिससे लू की वापसी हो सकती है।
मई के बाकी बचे दिनों में दिल्ली में बारिश की संभावना नहीं है, जो बढ़ती गर्मी से राहत दिला पाए। दिल्ली एनसीआर में मॉनसून आमतौर पर 26 से 28 जून के बीच दस्तक देता है। इस बार में तीन-चार दिनों की देरी की संभावना है।
Image credit: Hindustan Times
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