2019 की शुरुआत के बाद से ही, हमने पश्चिमी विक्षोभ और उससे प्रेरित मौसम प्रणालियों जैसे की हवाओं का चक्रवात और संगम क्षेत्र की श्रृंखला देखने को मिली। ये सभी अब तक नियमित अंतराल पर अलग-अलग तीव्रता की गरज के साथ वर्षा देते आयें हैं।
जबकि पश्चिमी विक्षोभ ने उत्तर भारत की पहाड़ियों पर बारिश और बर्फबारी दी, हवाओं के चक्रवात तथा संगम क्षेत्र ने उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों और देश के पूर्व और मध्य भागों में बारिश के लिए जिम्मेदार थे।
हालांकि, देश भर में मौसम अब बदलाव का गवाह बनेगा। स्काईमेट वेदर के अनुसार, शुष्क मौसम जल्द ही पूरे देश को जकड़ने की संभावना है क्योंकि अगले 3-4 दिनों तक मौसम की कोई महत्वपूर्ण प्रणाली नहीं देखी जा सकती।
जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति भी कम होती जाएगी, जिससे की मौसम शुष्क और गर्म होगा। हालांकि पूर्वी असम में एक कमजोर हवाओं के चक्रवात के कारण देश के पूर्वोत्तर भागों में हल्की हुई वर्षा हो सकती है।
26 मार्च को पश्चिमी हिमालय के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में बारिश का एक और दौर शुरू होने की उम्मीद है। लेकिन यह दौर मात्र एक दिन का ही होगा और 27 मार्च तक मौसम फिर से शुष्क हो जाएगा।
धीरे-धीरे लेकिन स्थिर रूप से, देश गर्म और शुष्क मौसम की स्थिति की ओर बढ़ रहा है। वास्तव में, हम उम्मीद कर सकते हैं, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 8-10 दिनों के बाद धूल भरी आंधी और अन्य प्री-मॉनसून गतिविधियाँ शुरू होने की संभावना है।
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