नवंबर महीना बीतने को है और अब तक इस महीने में देशभर में जितनी बारिश होनी चाहिए उससे काफी कम बारिश हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान देश के लगभग सभी भागों में मौसम सूखा रहा। स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार नवंबर और दिसंबर ऐसे महीने हैं जब भारत में सबसे कम बारिश देखने को मिलती है। इसलिए अगले चार-पांच दिनों के दौरान संभावित शुष्क मौसम, मौसम के लिहाज से कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस वर्ष इस शुष्क मौसम के लंबे दौर के देश के अधिकांश भागों के लिए काफी मायने हैं क्योंकि कमजोर मॉनसून के अलावा पोस्ट मॉनसून सीजन में भी बारिश में काफी कमी बनी रही है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस समय देश भर में सबसे कम मौसमी सिस्टम बनते हैं। इस दौरान मुख्यतः दो छोरों पर बारिश होती है। उत्तर में पश्चिम विक्षोभ से और दक्षिण में उत्तर-पूर्वी मॉनसून के सक्रिय रहने पर बारिश देखने को मिलती है। लेकिन दोनों तरफ मौसमी सिस्टमों में अक्सर लंबा अंतराल भी देखा जाता है, जिससे कई दिनों तक चलने वाली बारिश जैसी मौसमी हलचल नहीं होती। इन मौसमी सिस्टमों के सक्रिय होने पर लगभग तीन-चार दिनों का बारिश का दौर चलता है उसके बाद फिर से अगले सिस्टम के आने तक बारिश में ब्रेक लग जाता है।
वर्तमान मौसम की अगर बात करें तो लंबे समय से देश के ज्यादातर भागों में बारिश देखने को नहीं मिली है। अधिकांश इलाकों में मौसम शुष्क बना रहा है। बारिश में कमी का आंकड़ा 25 नवंबर तक 46% के स्तर पर बना रहा। उत्तर-पूर्वी मॉनसून दक्षिण भारत में देर से आया और उसके बाद भी महज़ दो बार ही अच्छी बारिश हुई। दूसरी ओर उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ भी कमजोर रहे है जिससे पहाड़ों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक निराशा हाथ लगी।
वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों का आंकलन है कि आने वाला शुष्क मौसम का दौर देशभर में बारिश में कमी के अंतर को और बढ़ा सकता है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहा है कि अब से लगभग 30 नवंबर तक देश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से सूखा रहेगा। उत्तर में कुछ बारिश की उम्मीद है लेकिन यह भी जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तक 27-29 नवंबर के बीच देखने को मिलेगी।
इसी तरह दक्षिण में तटीय तमिलनाडु में एक-दो स्थानों पर बारिश हो सकती है। लेकिन गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार में इस दौरान बारिश बिल्कुल नहीं होगी। इसके अलावा देश के मध्य और उत्तर-पश्चिमी राज्यों पर अगले कुछ दिनों के दौरान पूर्वी हवाएं प्रभावी रहेंगी जिससे मौसम सहज होगा। लेकिन इस दौरान न्यूनतम तापमान में बढ़ोत्तरी हो सकती है, जो सर्दी के लिए ठीक नहीं है।
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