17 मार्च से देश के मध्य भागों में प्री-मॉनसून गतिविधियाँ जारी हैं। जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक पश्चिमी हिमालय के अधिकांश राज्यों में भी पिछले कुछ दिनों के दौरान बारिश और बर्फबारी हुई है। उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी राज्य भी मौसम में इस बदलाव से अछूते नहीं रहे और पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में पिछले 2-3 दिनों के दौरान छिटपुट बारिश और गरज के साथ बौछारें देखी गईं।
एक श्रृंखला में आए पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से मैदानी भागों पर एक चक्रवाती सिस्टम सक्रिय रहा जिसने अरब सागर से आर्द्रता को आकर्षित किया। यही वजह रही कि एक साथ कई राज्यों में बारिश का मौसम बना और पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों और मध्य भारत के भागों तक बारिश दर्ज की गई। अब पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में निकल गया है तथा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी कमजोर हो गया है। इसके चलते मौसम फिर से शुष्क होने लगा है। हालांकि अगले 24 घंटों तक पश्चिमी हिमालयी राज्यों में हल्की बारिश या हिमपात की गतिविधियां बनी रह सकती हैं।
मौसमी सिस्टमों के आ निकलने के चलते उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम शुष्क हो गया है वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में आज रात तक हल्की बारिश कहीं-कहीं देखने को मिल सकती है। कल 25 मार्च से देश के अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ हो जाएगा।
अगले पश्चिमी विक्षोभ के 28 मार्च को उत्तर के पर्वतीय राज्यों के पास आने की उम्मीद है। जिसके कारण फिर से पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी होगी। उत्तर भारत के पहाड़ों के अलावा कुछ एक पूर्वोत्तर क्षेत्रों और दक्षिण भारत में केरल में छिटपुट वर्षा हो सकती है। शेष सभी भागों में अब मार्च के आखिर तक मौसम शुष्क रहेगा।
होली की पूर्व संध्या से लेकर यानि 28 मार्च की संध्या को होलिका दहन के समय से रंगोत्सव के दिन अर्थात 29 मार्च तक उपरयुक्त राज्यों को छोड़कर देश के बाकी सभी शहरों में होली में बारिश जैसी कोई बाधा मौसम नहीं डालेगा। मौसम के कई दिनों तक शुष्क रहने की संभावना के बीच होली से देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।
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