[Hindi] मध्य भारत में डिप्रेशन अब निम्न दबाव बना; गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश

August 17, 2018 1:36 PM | Skymet Weather Team

मध्य भारत पर बना डिप्रेशन कमजोर होकर निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है। इस सिस्टम के कमजोर होने के बावजूद मध्य भारत के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। यह सिस्टम इस समय उत्तर-पश्चिमी महाराष्ट्र और इससे सटे गुजरात और मध्य प्रदेश के ऊपर है और गहरे निम्न दबाव के रूप में मध्य भारत के मौसम को प्रभावित करता रहेगा।

महाराष्ट्र में लंबे समय से बारिश नहीं हुई थी लेकिन इस मॉनसून सिस्टम के प्रभाव से मध्य भारत के राज्यों में मुसलाधार वर्षा के लिए मौसमी परिदृश्य अनुकूल बना है। इससे पहले डिप्रेशन के प्रभाव से महाराष्ट्र के कई भागों में भीषण बारिश रिकॉर्ड की गई। बृहस्पतिवार की सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान औरंगाबाद में 157 मिलीमीटर वर्षा हुई। इसी तरह बुलढाणा में 130 मिमी, जलगांव में 127,वर्धा में 110 मिमी, नांदेड़ में 102 मिमी और परभणी में 78 मिलीमीटर की भारी वर्षा दर्ज की गई।

इसके अलावा गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी मध्यम से भारी बारिश रिकॉर्ड की गई। डिप्रेशन के प्रभाव से तेलंगाना और उत्तरी आंध्र प्रदेश में भी मौसम में व्यापक बदलाव आया था। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून सिस्टम अब भले ही कमजोर होकर गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है लेकिन इसकी क्षमता अभी इतनी है कि मध्य और पश्चिम भारत के भागों में मध्यम से भारी वर्षा लगातार देता रहेगा।

मॉनसून सिस्टम के पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ने और इसके अगले 24 से 48 घंटों तक सक्रिय रहने के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि गुजरात में 17 और 18 अगस्त को भीषण बारिश देखने को मिलेगी। कच्छ क्षेत्र में भी मध्यम से भारी वर्षा होने की उम्मीद है। लंबे समय से शुष्क मौसम का सामना कर रहे गुजरात में अचानक इस संभावित भीषण वर्षा के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।

इसके अलावा दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और दक्षिण पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार वर्षा हो सकती है। साथ ही मध्य महाराष्ट्र के उत्तरी भागों में भी मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। पश्चिम में गुजरात के करीब पहुंचने के कारण मध्य भारत के पूर्वी हिस्सों विशेषकर विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में मॉनसूनी हलचल कम हो जाएगी। लेकिन मध्यम बारिश के साथ एक-दो जगहों पर भारी वर्षा गतिविधियां अभी भी जारी रहेंगी।

Image credit: Indiatoday

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