Updated on December 18, 2018 at 10:00 AM: तूफ़ान फ़ेथाई कमजोर होकर बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र; पहुंचा ओड़ीशा के पास
चक्रवाती तूफान फेथाई जमीनी भागों पर आने के बाद से कमजोर हो रहा है। मंगलवार की सुबह यह कमजोर होते हुए गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया। यह ओड़ीशा के करीब फिर से बंगाल की खाड़ी में पहुँच गया है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आज शाम तक यह और कमजोर हो जाएगा और निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाएगा।
इसके आगे बढ़ने से और कमजोर होने से आंध्र प्रदेश के ज़्यादातर हिस्सों में बारिश में कमी आ गई है। हालांकि अगले 24 से 48 घंटों के दौरान इसका असर झारखंड, ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल में जारी रहेगा। इन राज्यों पर घने बादलों और तेज़ हवाओं के साथ बारिश जारी रहने की संभावना है।
Updated on December 17, 2018: तूफ़ान फ़ेथाई ने दी दस्तक; अगले 24 घंटों के दौरान जाएगा ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल की ओर
उम्मीद के मुताबिक चक्रवाती तूफान फ़ेथाई आज दोपहर 1 बजे आंध्र प्रदेश के तट को पार करते हुए भारत के मुख्य भू-भाग पर पहुंचा। तूफान ने काकीनाड़ा और नरसापुर के बीच से दी है दस्तक।
तूफान फ़ेथाई के आगमन के साथ ही आंध्र प्रदेश के तटीय भागों में भारी बारिश हो रही। 60 से 80 किलोमीटर की रफ़्तार से हवाएँ चल रही हैं जिससे जन-जीवन व्यापक रूप में प्रभावित हुआ है।
तूफान फ़ेथाई का असर ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ पर भी दिख रहा है। घने बादल छाए हुए हैं और तेज़ हवाओं के साथ रुक-रुक कर बारिश हो रही है।
Updated on December 17, 2018: भीषण चक्रवाती तूफ़ान फ़ेथाई हुआ कमज़ोर; आज दोपहर में काकीनाड़ा के पास करेगा लैंडफॉल
पिछले कुछ घंटों में चक्रवाती तूफ़ान फ़ेथाई उत्तरी दिशा में लगभग 15 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ्तार से आगे बढ़ा है। तूफ़ान आंध्र प्रदेश के तटों के और करीब पहुँच गया है। सोमवार को 11 बजे यह मछलीपट्टनम से लगभग 100 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण-पूर्व में था। जबकि आंध्र प्रदेश के ही काकीनाड़ा से इसकी दूरी 120 किलोमीटर के आसपास थी।
बीती रात में तूफ़ान फ़ेथाई और प्रभावी होते हुए भीषण चक्रवात बना। अब यह कमज़ोर हुआ है लेकिन इसकी क्षमता अभी भी चक्रवाती तूफ़ान की बनी हुई है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार चक्रवाती तूफ़ान फ़ेथाई आज दोपहर में आंध्र प्रदेश के तटों पर दस्तक दे सकता है।
तूफ़ान जैसे-जैसे तटों के करीब आ रहा है तटीय शहरों में 60 से 80 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ़्तार से भीषण हवाएँ चलनी शुरू हो गई हैं। गुंटूर, काकीनाड़ा, मछलीपट्टनम, वियजवाड़ा, विशाखापत्तनम, कलिंगापट्टनम और श्रीकाकुलम सहित कई जगहों पर भारी बारिश भी हो रही है। ओड़ीशा के दक्षिणी तटीय शहरों में भी जल्द ही भारी बारिश शुरू होने की संभावना है।
आंध्र प्रदेश और ओड़ीशा से सटे समुद्र तटीय इलाकों में ऊंची लहरें उठ रही हैं। समुद्र में हलचल को देखते हुए मछुआरों से अपनी गतिविधियों को फिलहाल अगले 24 से 48 घंटों तक टालने को कहा गया है। प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में शिक्षण संस्थान बंद कर दिये गए हैं और राहत एजेंसियों को मुस्तैद रखा गया है। तूफ़ान के लैंडफॉल के समय हवा की रफ़्तार 100 किलोमीटर प्रतिघण्टे से भी ऊपर जा सकती है।
Updated on December 16, 2018: चक्रवात फ़ेथाई: 17 दिसम्बर को आंध्र प्रदेश में देगा दस्तक; कई राज्यों में भीषण बारिश की आशंका
बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान फेथाई आंध्र प्रदेश के तटों के पास आ रहा है। इसके लैंडफॉल के पहले से ही कोस्टल आंध्र प्रदेश, कोस्टल तमिलनाडु और ओड़ीशा के दक्षिणी शहरों में तेज बारिश हो रही है। तूफानी हवाएं चल रही हैं।
तूफान फ़ेथाई का लैंडफॉल आंध्र प्रदेश में मछलीपट्टनम और काकीनाडा के आसपास आज हो सकता है। उसके बाद यह अपनी दिशा बदलेगा और ओड़िशा तथा पश्चिम बंगाल की तरफ रुख करेगा।
लैंडफॉल से पहले भीषण चक्रवात कुछ कमजोर होकर चक्रवात की क्षमता में आ जाएगा लेकिन यह अगले 24 घंटों तक आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों और ओड़ीशा के दक्षिणी तटीय शहरों में भीषण बारिश देगा। 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी सामान्य जन-जीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर सकती हैं।
आज से ही तेलंगाना, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी बारिश शुरू हो जाएगी। ओडिशा, दक्षिणी झारखंड और पश्चिम बंगाल में कल भी मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है।
एक तरफ़ आंध्र प्रदेश के लिए आज का दिन चुनौती भरा रहेगा जबकि ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल के शहरों को कल भी से इस तूफान का मुकाबला करना होगा।
पूर्वोत्तर भारत में भी तेज़ हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी।
तूफान के कारण पूर्वी मध्य प्रदेश और बिहार में भी हल्की बारिश होने की संभावना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में बादल आ सकते हैं लेकिन बारिश फिलहाल नहीं पहुंचेगी।
Publishes on December 14, 2018, बंगाल की खाड़ी में उठ रहा चक्रवात 'फ़ेथाई', बन सकता है भीषण तूफान
बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन लगातार प्रभावी हो रहा है। शुक्रवार की शाम या रात में इसके चक्रवाती तूफान बनने की पूरी संभावना है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह उत्तर-उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है। शुक्रवार की दोपहर के समय डिप्रेशन चेन्नई से लगभग 900 किलोमीटर पूर्व दक्षिण-पूर्व में था। जबकि आंध्र प्रदेश के मछिलीपट्टनम से इसकी दूरी 1100 किलोमीटर थी।
इसके आगे बढ़ने की रफ्तार कम हो रही है जिससे अगले 12 घंटों में ही यह चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो 16 दिसम्बर को इसके भीषण चक्रवात बनने के आसार हैं। इसकी बढ़ती क्षमता और रफ्तार को देखते हुए अनुमान है कि यह 16 या 17 दिसम्बर को आंध्र प्रदेश के तटों पर ओंगोल के पास से लैंडफॉल करेगा।
आंध्र प्रदेश के रास्ते भारत के मुख्य भू-भाग पर पहुँचने के बाद तूफान फ़ेथाई की दिशा बदलेगी और यह उत्तर-पश्चिम की बजाए मुड़कर उत्तर-पूर्वी दिशा में जाएगा। हालांकि इस दौरान वह कमजोर होता रहेगा लेकिन इसके प्रभाव से आंध्र प्रदेश के अलावा तेलंगाना, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र और छत्तीसगढ़ में भी 18 और 19 दिसम्बर को अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है।
इसके प्रभाव से तमिलनाडु के उत्तरी तटीय भागों और दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश में 15 दिसम्बर की रात से बादल बढ़ जाएंगे, हवाएँ भी तेज़ होंगी और हल्की बारिश शुरू हो जाएगी। लेकिन तेज़ बारिश 16 से 18 दिसम्बर के बीच देखने को मिलेगी। आंध्र प्रदेश में लैंडफॉल के समय तटीय भागों में 120 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ्तार से हवाएँ चलने की संभावना है। चक्रवाती तूफान को फ़ेथाई नाम दिया जाएगा। यह इस सीज़न का 7 वां साइक्लोन होगा।
दक्षिण भारत के राज्यों में उत्तर-पूर्वी मॉनसून अब तक कमजोर रहा है। इसके चलते दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में बारिश काफी कम हुई है। लेकिन चक्रवाती तूफान फ़ेथाई के कारण इस कमी की कुछ भरपाई हो सकती है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बेहद कम बारिश हुई है।
आंकड़ों में देखें तो 1 अक्तूबर से 13 दिसम्बर के बीच आंध्र प्रदेश में सामान्य से 66 फीसदी कम और तेलंगाना में सामान्य से 82 प्रतिशत कम वर्षा हुई। इन दोनों राज्यों में बारिश में कमी की भरपाई चक्रवाती तूफान फ़ेथाई के चलते हो सकती है। यही दो राज्य ऐसे हैं जहां बारिश में कमी सबसे ज़्यादा है। दूसरी ओर तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में चक्रवात कुछ ज़्यादा नहीं देगा।
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