बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी भागों और भूमध्य रेखा के पास हिन्द महासागर में हलचल बढ़ती जा रही है। जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था, अगले 48 घंटों में खाड़ी में चक्रवाती तूफान विकसित होने की संभावना प्रबल होती जा रही है। खाड़ी में उठ रहा यह सिस्टम इस समय डिप्रेशन की क्षमता में है और अगले 12 घंटों में डीप डिप्रेशन बन जाएगा। वर्तमान समय में यह श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 1100 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में जबकि चेन्नई से 1490 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञ इसके आगे बढ़ने और इसके प्रभावी होने पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं। मौसम विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि 27 अप्रैल की शाम या 28 अप्रैल की सुबह तक यह चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा और बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में यानि श्रीलंका और तमिलनाडु के काफी करीब पहुँच जाएगा।
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हालांकि भारतीयों के लिए राहत की बात यह है कि अब तक जो संकेत मिल रहे हैं उसके अनुसार यह सिस्टम शुरूआती उत्तर पश्चिमी दिशा के बाद अपनी दिशा में बदलाव करेगा और बांग्लादेश तथा म्यांमार की तरफ निकल जाएगा। इसके भीषण चक्रवात बनने और भारत के पूर्वी तटीय भागों को सीधे तौर पर प्रभावित करने की आशंका फिलहाल नहीं है।
लेकिन इतना स्पष्ट हो चुका है कि चेन्नई सहित तमिलनाडु के तटीय भागों के साथ-साथ तटीय आंध्र प्रदेश, ओड़ीशा के तटवर्ती इलाकों और पश्चिम बंगाल के गगनीय क्षेत्रों में इसके कारण कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी। हालांकि तूफानी हवाएं चलने या भीषण बारिश होने की आशंका इन भागों में नहीं है।
मौसम विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि इसके बांग्लादेश और म्यांमार की तरफ जाने की संभावना अधिक है, लेकिन दिशा के बारे में अभी शत-प्रतिशत निश्चित नहीं कहा जा सकता। इस बीच इस सिस्टम की लंबी समुद्री यात्रा, विंड शीयर के नीचे होने, लोअर लैटीट्यूड के पास होने और अनुकूल तापमान यानी समुद्र की सतह का तापमान 30 से 31 डिग्री के आसपास होने के कारण चक्रवाती तूफान बनना तय है।
Image credit: Krishi Jagran
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