एक तरफ भीषण लू ने देश के अधिकांश हिस्सों में जन-जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है वहीं जल संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट इस स्थिति को और भयावह बनाती है। मंत्रालय की इस रिपोर्ट के अनुसार देश के बड़े 91 जलाशयों में पानी का स्तर घटकर 23 प्रतिशत पर आ गया है जो बड़ी चिंता का कारण है।
मंत्रालय के अनुसार इन बड़े जलाशयों की कुल क्षमता 157.799 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी की है जबकि पिछले सप्ताह की रिपोर्ट के अनुसार इनमें महज़ 35.839 बीसीएम जल ही शेष है। यह बीते वर्ष के मुक़ाबले भी बेहद कम है क्योंकि वर्तमान में जल की मात्रा पिछले वर्ष से 33 प्रतिशत कम है। बीते 10 वर्षों में इस समय औसतन जितना पानी इन जल श्रोतों में रहता है वर्तमान में उससे 23 प्रतिशत कम है।
हालांकि आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा ऐसे राज्य हैं जहां के जलाशयों में जल संग्रह की स्थिति बीते वर्ष के मुक़ाबले बेहतर बताई गई है। जिन राज्यों के जलाशयों में पानी व्यापक रूप में घटा है उनमें पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओड़ीशा, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने भी अपने जलाशयों में जल के स्तर में व्यापक गिरावट की घोषणा की है।
देश के सभी जलाशयों में कुल 253.88 बीसीएम जल संग्रहण की क्षमता है। इसमें देश के लघु, मध्यम और बड़े आकार के जलाशय शामिल हैं। भारत के कुल जलाशयों में 37 जलाशय ऐसे हैं जिनमें 60 मेगावॉट से अधिक क्षमता के विद्युत उत्पादन की इकाइयां भी लगी हुई हैं।
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