दिल्ली और एनसीआर में मंगलवार की शाम से घनी धुंध की चादर देखने को मिल रहा है। एक ओर शुष्क और गर्म मौसम, ऊपर से यह धूल किसी आफत से कम नहीं है। इसके चलते राजधानी में प्रदूषण का स्तर तेज़ी से ऊपर गया है और हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। राजधानी के सभी भागों में पीएम 10 का स्तर 700 से 800 के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है। यही नहीं धूल के कारण रात की गर्मी और बढ़ गई है क्योंकि धूल की चादर रात में भी ज़मीन की सतह की गर्मी को वायुमंडल में वापस जाने से रोक रही है। इसके चलते दिल्ली में न्यूनतम तापमान में भारी वृद्धि हुई है। आज न्यूनतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री ऊपर 33 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली और आसपास के भागों में इस समय शुष्क और उत्तर-पश्चिमी हवाएँ तेज़ी से चल रही हैं। यह हवाएँ पाकिस्तान और राजस्थान से होकर आ रही हैं, जहां पहले से ही शुष्क मौसम के कारण धूल के कण और रेत हवा में घुलकर बादल की तरह छाए हुए हैं। राजस्थान में 50 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ्तार से हवाएँ चल रही हैं। 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघण्टे की गति से हवा धूल का भंडार लेकर दिल्ली-एनसीआर तक पहुँच रही है।
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इस धूल से राहत, बारिश होने या हवाओं का रुख बदलने पर ही मिल सकती है। जबकि ऐसे बदलाव की कोई संभावना अगले 48 घंटों तक नहीं है। यानि 48 घंटों तक यह धूल और इसके कारण बढ़ा प्रदूषण दिल्ली वालों का दम घोंटता रहेगा। उसके बाद कुछ राहत मिल सकती है। इस समय हिमालय के तराई क्षेत्रों में एक ट्रफ बनी हुई है। यह 48 घंटों के बाद और सक्रिय होगी तथा दक्षिण में आएगी जिससे अनुमान है कि 16 जून से हवा का रुख बदलेगा और दिल्ली तथा एनसीआर में हल्की बारिश दर्ज की जाएगी।
पश्चिम से आ रही यह धूल सप्ताह के आखिर में हवाओं का रुख बदलने और बारिश होने से साफ हो सकती है। हालांकि तेज़ गर्मी से जल्द राहत की संभावना फिलहाल नहीं है क्योंकि बारिश से तापमान में कुछ कमी ज़रूर होगी लेकिन आर्द्रता मौसम को असहज बनाए रखेगी।
Image credit: DBPOST
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