दिसम्बर और जनवरी में उत्तर भारत के कई मैदानी इलाकों और पूर्वी भारत के राज्य घने कोहरे की गिरफ्त में रहते हैं। वर्तमान शीत ऋतु में उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों और बिहार में घना कोहरा आफत की तरह बादल बन कर छाया रहा जबकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में अधिकांश समय कोहरा गायब रहा। पूर्वी भारत के राज्यों में 20 से 25 जनवरी के बीच कोहरे से कुछ राहत मिली थी लेकिन इन भागों में पिछले 24 से 48 घंटों के दौरान घना कोहरा फिर से लौट आया है और सामान्य जन-जीवन प्रभावित हो रहा है।
इसके अलावा इस दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी घना कोहरा देखने को मिल रहा है। इन भागों में 23 जनवरी को कुछ स्थानों पर बारिश की गतिविधियां देखने को मिली थीं। इसके बाद से वातावरण में बढ़ी नमी और उत्तर भारत के पहाड़ों से आ रही ठंडी और शुष्क उत्तर पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से गिरा न्यूनतम तापमान कोहरे को बढ़ने में मदद कर रहा है। घने कोहरे के चलते आजअमृतसर,आगराऔरवाराणसीमें दृश्यता शून्य तक पहुँच गई थी जबकिदिल्लीसहित कई जगहों पर दृश्य घटकर 50 मीटर के आसपास रिकॉर्ड की गई।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में 25 जनवरी से ही घना कोहरा बना हुआ है। इसी तरह पंजाब और हरियाणा में भी कई जगहों पर घने कोहरे से सड़क और हवाई यातायात प्रभावित हो रहा है। सोमवार को दिल्ली में भी बेहद घना कोहरा देखने को मिला। हालांकि उत्तर-पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाओं के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में दिन चढ़ने के साथ कोहरे में कमी भी देखने को मिल रही है।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों तक उत्तर-पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाएँ प्रभावी रहेंगी जिससे तापमान में कमी बनी रहेगी और कोहरा इसी तरह से घना होगा। पंजाब में अमृतसर से लेकर हरियाणा में हिसार,अंबाला,करनाल, राजस्थान मेंश्रीगंगानगरके अलावा दिल्ली,चंडीगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश मेंगोरखपुर,वाराणसी,इलाहाबादऔर बिहार मेंपटना, गया, समस्तीपुर औरभागलपुरसहित कई जगहों पर अगले 2-3 दिनों तक मध्यम से घना कोहरा छाया रहेगा।
अनुमान है कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर को आज रात से प्रभावित करना शुरू करेगा जिसके चलते उत्तर-पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाओं का प्रवाह उत्तर भारत में कम होगा। इसके चलते 31 जनवरी से मैदानी क्षेत्रों में कोहरे में कमी आएगी जबकि पूर्वी भारत के भागों में उसके बाद भी जारी रह सकता है।
Image credit: Hindustan Times
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