उत्तर प्रदेश के मध्य और पूर्वी भागों को 25 दिसम्बर को घने की चादर ने ढँक लिया था। इस समय इन भागों में हवा की रफ्तार बहुत कम है और नमी काफी अधिक बनी हुई है जिसके चलते घना कोहरा छाया है। उत्तर प्रदेश के इन भागों में उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाएँ बंद हो गई हैं और इस समय पूर्वी आर्द्र हवाएँ चल रही हैं जिससे कोहरे की तीव्रता में अचानक वृद्धि देखने को मिली।
उत्तर प्रदेश के ज़्यादातर हिस्से मंगलवार को भी घने कोहरे की चपेट में रहे। पश्चिमी बिहार के भी कई इलाके घने कोहरे की गिरफ्त में आ गए हैं। इन भागों से होकर गुज़रने वाले ज़्यादातर ट्रेनें देरी से चल रही हैं। कोहरे के चलते दृश्यता घटने से सड़क और हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ है। लखनऊ और सुल्तानपुर में दृश्यता शून्य पर पहुँच गई थी। बहराइच और वाराणसी में भी बेहद घना कोहरा छाया रहा और दृश्यता घटते हुए 50 मीटर पर पहुँच गई थी।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि दोनों राज्यों में अगले 48 घंटों तक घने कोहरे के लिए स्थितियाँ अनुकूल हैं। अनुमान है कि कल भी इलाहाबाद, मिर्ज़ापुर, गोरखपुर, वाराणसी, मुजफ्फरपुर, पटना सहित आसपास के अन्य भागों में दृश्यता 100 मीटर से नीचे रहेगी। कुछ भागों में दृश्यता शून्य पर पहुँच सकती है। उत्तर प्रदेश और बिहार में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
लंबे समय के लिए विशेषकर दिन में भी धुंध और घना कोहरा छाए रहने से धूप का असर कम हो जाता है और दिन के तापमान में व्यापक गिरावट से दिन में शीतलहर जैसे हालात बन जाते हैं। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पिछले 24 घंटों में पारा गिरकर 16 डिग्री के आसपास पहुँच गया है। ऐसी स्थिति अगले 2 दिनों तक बनी रह सकती है। यही नहीं अनुमान है कि 28 दिसम्बर तक उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों तथा बिहार के कई इलाकों में तापमान और घटेगा जिससे दिन में सर्दी और बढ़ेगी।
Image credit: Rediff.com
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