उत्तर भारत में सर्दी और कोहरे का मौसम अपने चरम पर पहुंच गया है। यही वह समय है जब उत्तर भारत के मैदानी इलाकों पर घना कोहरा अपना शिकंजा कसने लगता है और लोगों की मुसीबतें बढ़ाने लगता है। कोहरा आमतौर पर तब अधिक घना होता है जब तापमान कम हो, हवा में नमी ज्यादा हो और हवा की रफ्तार कम हो। साथी ही आसमान भी साफ हो।
इस समय ऐसी ही स्थितियां देखने को मिल रही हैं, चाहे उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान हों या गंगा के मैदानी क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश, बिहार और आसपास के इलाके हों। उत्तर भारत के इन सभी भागों में पिछले दो दिनों के दौरान कई जगहों पर गरज और ओलावृष्टि के साथ बारिश दर्ज की गई है। इसी दौरान उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में बर्फ गिरी है।
पिछले दिनों मौसम आई इस सक्रियता के चलते मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट हो रही है। जाहिर है कोहरा घना होने के लिए मौसमी स्थितियां अनुकूल बनती जा रही हैं। हवा में अधिक नमी और तापमान में गिरावट के चलते स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि उत्तर भारत के कई मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा अगले दो-तीन दिनों के दौरान देखने को मिलेगा।
English Version: Moderate to dense fog to grip Jaipur, Amritsar, Ambala, Delhi and Meerut soon
अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले तीन दिनों के दौरान श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, भटिंडा, सिरसा, हिसार, भिवानी, सीकर, चूरू, बीकानेर, जयपुर, अलवर, अमृतसर, जालंधर, चंडीगढ़, लुधियाना, अंबाला, पंचकुला, जींद, करनाल, रोहतक, दिल्ली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ और गौतमबुद्धनगर में दृशयता में भारी कमी आएगी जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है। दिल्ली-एनसीआर समेत कुछ स्थानों पर सुबह के समय दृश्यता शून्य तक पहुँच सकती है।
उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में कोहरे में कमी तब आएगी जब हवा की रफ्तार बढ़ेगी या फिर से आसमान में बादल दिखाई देंगे। लेकिन अगले दो-तीन दिनों तक खासकर 18 दिसंबर तक सुबह के समय पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश तक कई शहरों में मध्यम से घना कोहरा छा सकता है।
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