क्रिसमस के साथ, देश के उत्तरपश्चिमी मैदानों पर घना कोहरे ने आखिरकार दस्तक दे ही दी। मंगलवार सुबह, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में दृश्यता शून्य रेकॉर्ड करी गई। पिछले साल की तुलना में इस साल कोहरे ने देरी से आगमन दर्ज किया।
यही नहीं, उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में कोहरा अपनी पकड़ अब और मजबूत करेगा। स्काईमेट वेदर के अनुसार, हम अगले 2-3 दिनों के दौरान पूरे क्षेत्र में घने कोहरे की उम्मीद कर सकते हैं।
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो, मौसम की स्थिति घने कोहरे के लिए अनुकूल है। कोहरे के गठन के लिए आवश्यक सभी कारक वातावरण में मौजूद होते हैं। कोहरे के लिए हल्की हवाएं, कम न्यूनतम तापमान और नमी तीन प्रमुख स्थितियां हैं।
सर्द उत्तरी हवाओं के चलने के कारण मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में कमी आई है। इसके अलावा, हवाओं की गती भी हल्की है। इसके अलावा, कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण वातावरण में नमी उपस्थित है।
इन सभी कारणो के चलते, क्षेत्र के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा। श्रीगंगानगर, भटिंडा, चूरू, रेवाड़ी, नारनौल, हिसार, भिवाड़ी, अमृतसर और दिल्ली जैसे स्थानों पर घना कोहरा छाया रहा, जहाँ दृश्यता 0 से 50 मीटर तक दर्ज की गयी।
28 दिसंबर तक उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में घने कोहरे के आसार हैं। इसके बाद, कुछ सुधार हो सकता है लेकिन यह अधिक मात्र में नहीं होगा।
इसके अलावा, यह कोहरे की अवधि अब बढ़ जाएगी जो की दिन के तापमान में और गिरावट लाने में सहायक होगा।
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